India News (इंडिया न्यूज़), Azam Khan News : मोहम्मद आजम खान रामपुर से 9 बार समाजवादी पार्टी से विधायक रहे हैं। आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, और उत्तर प्रदेश के 17वीं विधानसभा के सदस्य थे। वह प्रदेश सरकार में सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भी थे और रामपुर विधानसभा क्षेत्र से 9 बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं।
आज़म खान और उसके परिवार के पास कितनी संपत्ति
आजम खान के पास संपत्ति
2022 में भरे नामांकन पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक, 2016-17 में उनकी आय ₹16,27,930 थी, जबकि उनके पास 40,50,000 हजार की अचल संपत्ति है। जिसमें 1 रिवाल्वर 357 मैग्नम और 30 बोर की राइफल भी शामिल है। अचल संपत्ति में 1 वोल्वो कार भी है जिसकी कीमत ₹51,90,000 है। आजम खान के पास कुल 1,42,54,251 रुपये की अचल संपत्ति है।
लगभग 3 करोड़ की मालकिन हैं डॉ. ताजीन फातिमा
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी पेशे से शिक्षिका रही हैं। डॉक्टर तजीन फातिमा शासकीय डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर के पद से रिटायर हुई है। वह 72 साल की हैं। 2019 के आम चुनाव में रामपुर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद जब विधानसभा सीट के विधायक मोहम्मद आजम खान ने त्यागपत्र दिया था, तो उपचुनाव में उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा इस सीट से विधायक चुनी गई थी।
इसके बाद एक बार फिर डॉ. तज़ीन फातिमा ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन किया। हालांकि, उनके बेटे व स्वार के पूर्व विधायक अब्दुल्लाह आजम खान ने भी समाजवादी पार्टी से ही पर्चा दाखिल किया था। नामांकन पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक तज़ीन फातिमा के पास कुल 2 करोड़ 86 लाख 4 हजार की संपत्ति है। जिसमें 1 रिवाल्वर और 1 राइफल के साथ एक कार और उनके बैंक में 99,06,113 रुपए जमा हैं। उन्होंने 2016-17 में अपनी आय ₹22,80,410 बताई थी। इसके अतिरिक्त उनके पास ₹42,29,000 की कृषि भूमि भी है। वहीं उन पर 32 मुकदमे भी दर्ज हैं।
बेटे अब्दुल्लाह आज़म खान के पास 3 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने अपनी कुल 3,12,03,000 रूपये की संपत्ति दर्शाई है जिसमें लगभग 16,00,000 रुपये बैंक खाते में जमा है। साथ ही एक 12 बोर की बंदूक भी है। उन्होंने 2016-17 में आयकर में अपना विवरण दाखिल करते हुए ₹7,28,480 की आय घोषित की थी। वहीं अब्दुल्लाह आजम खान पर भी 43 मुकदमे दर्ज हैं।
कुल 103 मुकदमों में से 28 मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के
रामपुर के नौ बार समाजवादी पार्टी से विधायक रहे वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान पर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए और अब तक कुल 103 मुकदमे दर्ज हैं। इनमे से अधिकांश मुकदमे उनके सांसद बनने के बाद दर्ज हुए हैं। 28 मुकदमे जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में अजीम नगर थाने में दर्ज हुए हैं, जबकि 11 मुकदमे गंज थाने में लोगों के घर तोड़ने और लूटपाट करने के आरोप में दर्ज कराए गए हैं।
खान पर भूमि अतिक्रमण और आपराधिक धमकी से संबंधित लगभग 80 कानूनी और आपराधिक मामलों में आरोप लगाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए भूमि हड़पने के संबंध में 2017 के बाद दायर किए गए थे। जमीन हड़पने के मामले 2017 के बाद दर्ज किए गए हैं।
खान को पार्टी नेता अखिलेश यादव का प्राप्त था समर्थन
रामपुर पुलिस जमीन कब्जाने के एक मामले की जांच कर रही है। खान द्वारा स्थापित एनजीओ ‘जौहर ट्रस्ट’ के खिलाफ जमीन हड़पने के कई मामले दर्ज हैं। जनवरी 2019 में खान उनकी पत्नी तज़ीन फातमा और बेटे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में उनके बेटे अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र के संबंध में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, मार्च 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस की जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। खान को पार्टी नेता अखिलेश यादव का समर्थन प्राप्त था, जिसमें दावा किया था कि मामले राजनीति से प्रेरित थे।
खान की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा किया गया कुर्क
हालांकि जनवरी 2020 में, अदालत ने मामले के दौरान अदालत में उपस्थित होने में विफल रहने के लिए तीनों, अब्दुल्ला और अन्य को निलंबित कर दिया और उसके माता-पिता को भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद फरवरी के पहले सप्ताह से खान की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क किया गया। 24 मई 2023 को, यूपी की एक अदालत ने खान को नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में बरी कर दिया।
कब कौन से मामले में सुनाई गई सजा
26 फरवरी 2020 को, खान को अपने बेटे के लिए नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए अपनी पत्नी और बेटे के साथ जेल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को एक कथित धोखाधड़ी मामले में अंतरिम जमानत दे दी। उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला होने तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा। 27 अक्टूबर 2022 को, एक एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने खान को 2019 के एक मामले में अभद्र भाषा का दोषी पाते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई।