India News UP (इंडिया न्यूज़), Lord Shiva’s Snake Name: हिंदू धर्म में भगवान शिव का महत्व बहुत अधिक है। उनके गले में लिपटे वासुकि नाग का ऐतिहासिक महत्व है। वासुकि को भगवान शिव ने गले में धारण करने का वरदान दिया था।
भगवान शिव के चरित्र में उनके गले का सर्प बहुत महत्वपूर्ण है। वासुकी के माथे पर चंद्रमा, उनकी जटाओं से बहती गंगा, हिरण पार्क और उनके गले में लटका हुआ सांप भगवान शिव की तस्वीर को बेहद सुंदर बनाते हैं।
वासुकि के अलावा भगवान की कमर में नील नाम का नीले रंग का सांप भी है, जिसकी भी भक्त बड़ी श्रद्धा से पूजा करते हैं। भगवान के दोनों कानों में पद्म और पिंगल नामक नाग हैं, जो उनकी शक्ति के प्रतीक हैं। उनकी भुजाओं पर बाजूबंद के रूप में कम्बल और धनंजय नाम का सांप है, जो उनकी वीरता को दर्शाता है।
भगवान शिव और वासुकी के इस अनोखे रिश्ते के पीछे भगवान शिव की अनोखी लीलाएं छिपी हुई हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान ने वासुकि को गले में धारण करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं, इस प्रक्रिया में नागराज वासुकी ने हलाहल विष को अपने शरीर में समाहित कर लिया था, जिसके कारण उनका नाम जहरीले सांप के रूप में प्रसिद्ध हो गया।
इस रूप में भगवान शिव और वासुकी का रिश्ता सभी भक्तों के दिलों में हमेशा गहरी आस्था का विषय बना रहता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि हिन्दू धर्म में नागों की पूजा और मान्यता का महत्व बहुत अधिक है और उनमें नागों के प्रति अद्भुत सम्मान है।
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