प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि क्यों हो जाती लाउड स्पीकर से तेज आवाज में मंत्र चलाने से बुद्धि भृष्ट? आइए जानतें हैं।
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि पंचाक्षरी मंत्र, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप यदि कोई व्यक्ति लाउडस्पीकर से करता है तो उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
प्रेमानंद जी महाराज कहते है कि लाउडस्पीकर में मंत्र चलाने से व्यक्ति को उसका कोई लाभ नहीं प्राप्त होता।
हिन्दू शास्त्रों में गायत्री मंत्र को ब्रह्म देव का स्वरुप माना गया है। इसलिए हमेशा सच्चे मन से इसका उच्चारण करना चाहिए।
धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् जिसका अर्थ है कि हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की तरफ चलने के लिए परमात्मा का तेज हमें प्रेरित करे।
प्रेमानंद जी महाराज ने आगे बताया कि गायत्री मंत्र का शुद्ध भाव से उच्चारण करने से ब्रह्म देव हमारी मन और बुद्धि में वृद्धि करने में सहायता करते हैं।