इस्राइल की मदद के लिए सामने आए दो मुस्लिम देश

पिछले हफ्ते इस्राइल पर ईरान ने सैकड़ों मिसाइलों और ड्रोन दागे। लेकिन इस्राइल में इस मिसाइलों का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा।

13 अप्रैल को ईरान की ओर से इजरायल पर लगातार मिसाइल हमला किया गया। लेकिन इस हमले को रोकने के लिए पड़ोसी देश जॉर्डन और सऊदी अरब ने मदद की।

पिछले साल यही दोनों देशों ने इस्राइल-हमास युद्ध पर आलोचना की थी। सऊदी शाही परिवार ने कहा कि उनके पर ऐसी प्रणाली है जो किसी भी प्रकार की मिसाइलों को रोक सकती है।

दरअसल, इस्राइल ने 99 फीसदी मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया था। ईरान से इस्राइल के बीच 1,000 किमी की दूरी है। अगर कोई भी मिसाइल छोड़ता है तो जॉर्डन और सऊदी अरब से होकर जाना पड़ता है।

जॉर्डन, जिसने गाजा हमलों में इस्राइल की आलोचना की उसने  ईरान के सभी मिसाइलें को मार गिराया था।जॉर्डन ने कहा कि अमेरिका और इस्राइल के सभी लड़ाकू विमानों के लिए हमने हवाईक्षेत्र खोल दिए थे।

जॉर्डन के एक पूर्व मंत्री ने बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि हमारी मानवता किसी भी देश और लोगों की रक्षा करना है। वही,  अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ईरान ने इसकी जानकरी कई अरब देशों को दी। 

साथ ही तेहरान के हमले की योजना के बारे में भी अमेरिका को खुफिया जानकारी थी। जिसके बाद उन्होंने अपने हवाई क्षेत्र खोल कर सुरक्षा बलों की सहायता की।

साथ ही तेहरान के हमले की योजना के बारे में भी अमेरिका को खुफिया जानकारी थी। जिसके बाद उन्होंने अपने हवाई क्षेत्र खोल कर सुरक्षा बलों की सहायता की।