स्कीम को सब-डिवीजन अस्पतालों तक पहुंचाने वाला पहला राज्य बना
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए पंजाब सरकार ने केयर कम्पेनियन कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य अस्पताल के हॉल/वॉर्डों को क्लासरूम और देखभाल के लिए उपलब्ध सबसे बेहतर स्रोत में बदलना है। इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि मरीज के अपने परिवार को अस्पताल और घर में अपने करीबियों की देखभाल के लिए जागरूक करते हुए पंजाब सरकार ने यह स्कीम शुरू की है और अब पंजाब इस स्कीम को सब-डिवीजन अस्पतालों तक पहुंचाने वाला पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में नवजात बच्चों की 22 प्रतिशत से अधिक मौतें होती हैं, जो सालाना 5,22,000 मौतें बनती हैं, जोकि विश्व के किसी भी अन्य देश की अपेक्षा ज्यादा है। यह अनुमान लगाया गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में 70 प्रतिशत मौतें बेहतर स्वास्थ्य अभ्यास के द्वारा रोकी जा सकती हैं और इनमें से ज्यादातर मौतें घर में ही रोकी जा सकती हैं। सिद्धू ने बताया कि पंजाब सरकार लोगों में जागरुकता और अपने स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाकर पंजाब के नागरिकों के स्वास्थ्य स्थिति में सुधार और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सीसीपी में पंजाब की सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में नवजात बच्चों की मृत्यु दर, फिर दाखिल होने के बोझ, छुट्टी के बाद की जटिलताओं में कमी और अस्पताल की सफाई के स्तर, नर्सों की क्षमता और मरीजों की संतुष्टी में विस्तार दिखाया गया है। यह प्रोग्राम जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य और आम एवं सर्जीकल मरीजों की देखभाल के क्षेत्रों में कार्यशील रहा है।