India News UP (इंडिया न्यूज),Kanpur News: कोरोना का दूसरा मंजर वाकई बहुत डरावना था। उसे समय घाटों पर चितई ही चिताएं जलती हुई नजर आती थी। कमोबेश वैसे ही नजारा भीषण गर्मी के कारण फिर हो रहा है। शनिवार को यूपी के कई जिलों से 180 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। नौतपा से पूर्व रोजाना हॉस्टल 60 शब्दों का ही अंतिम संस्कार होता था। इसके अलावा दोनों विद्युत शब्दाग ग्रहण में भी कई शव दिखें।
अंतिम संस्कार करने आए कई लोग बेहोश
घाटों पर तकरीबन तीन गुल से ज्यादा शव पहुंचने से स्थान कम पड़ गए। परिजनों को सब के अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगाना पड़ा। इसके बाद भी जगह न मिलने पर निर्धारित समय आसपास चिताएं जलाई गई। इतना ही नहीं भीष्म गर्मी में लोग शव लेकर घाटों पर पहुंचे इस वजह से 11 लोगों की तबीयत भी खराब हो गई और वह घाटों पर ही बेहोश हो गए। विद्युत शव ग्रहों में भी रोजाना की तुलना में काफी ज्यादा शव पहुंचे।
इतने शवों को देख पांडा भी अचंभित
भैरोघाट के पांडा ने बताया कि एक साथ इतने ज्यादा शवों को देखकर वह भी अचंभित रह गए। जहां एक साथ 10 शव जल सकती थी भीड़ को देखते हुए वहां पर 17 से 18 चितई जलानी पड़ी। फिर भी जगह काम पड़ी और मुख्य घाट से गंगा की ओर चिताएं लगाकर अंतिम संस्कार करने पड़े। इस घाट पर सबसे ज्यादा 43 अंतिम संस्कार हुए। इसी तरह भगत वर्ष घाट पर भी 15 शव पहुंचे।
किस घाट पर कितने अंतिम संस्कार हुए
- भैरोघाट- 43 शवों का अंतिम संस्करा
- ड्योढ़ी घाट- 24 शवों का अंतिम संस्करा
- भगवतदास घाट- 15 शवों का अंतिम संस्करा
- सिद्धनाथ घाट- 15 शवों का अंतिम संस्करा
- नजफगढ़ घाट- 4 शवों का अंतिम संस्करा
- बिठूर घाट- 20 शवों का अंतिम संस्करा
- भैरोघाट व भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृहों में 18 शवों का अंतिम संस्करा
- बिल्हौर, शिवराजपुर, चौबेपुर घाट- 39 शवों का अंतिम संस्करा
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