लिव-इन रिलेशन को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

आज के दौर में बिना शादी के एक ही छत के नीचे रहने वाले जोड़े को 'लिव-इन' रिलेशनशिप कहा जाता है

लेकिन जैसे-जैसे भारत में यह चलन बढ़ा है, वैसे-वैसे अपराध की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं, ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं

हाल ही में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जब एक महिला ने केरल हाई कोर्ट में अपने लिव-इन पार्टनर के खिलाफ क्रूरता का मामला दर्ज कराया

लिव-इन क्रूरता मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई महिला कानूनी तौर पर शादीशुदा नहीं है

तो उसके पार्टनर पर आईपीसी की धारा 498ए के तहत क्रूरता के अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता

आईपीसी की धारा 498ए उन मामलों में लगाई जाती है, जब कोई महिला अपने पति या ससुराल वालों के साथ क्रूरता करती है

दोषी पाए जाने पर आरोपी को 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है, हालांकि, यह धारा शादीशुदा जोड़ों पर लागू होती है

वे लिव-इन में रहते थे, कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने के बाद गुरुवार को यह फैसला सुनाया