इंडिया न्यूज, आगरा : Amazing Feat of Electricity Department टोरंट पावर ( Torrent Power) व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने नई चूक सामने आई जो एक व्यक्ति के लिए मुसीबत बन गई। बिजली कनेक्शन कटने के 27 साल बाद विद्युत विभाग ने 3.87 लाख रुपये का बकाया बिजली बिल भेजा। पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। इसकी सुनवाई के बाद फोरम अध्यक्ष एवं न्यायाधीश आशुतोष ने बकाया बिल निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
सोरों कटरा निवासी यूनुस पुत्र जमालुद्दीन ने 1987 में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ( Dakshinachal Vidyut Vitran Nigam) से बिजली कनेक्शन लिया था। यूनुस के अनुसार कुछ बकाया होने के कारण 17 फरवरी 1991 को उसका कनेक्शन काट दिया गया। तब से अब तक न कोई नया कनेक्शन लिया ओर न ही उसने बिजली का उपयोग किया है। 27 साल बाद अगस्त 2018 में डीवीवीएनएल ने 2,93322 रुपये और दक्षिणांचल का बकाया 94417 रुपये कुल 3.87 लाख रुपये का बकाया बिल भेज दिया, जबकि इससे पहले ही 2015 में उपभोक्ता 2710 रुपये और 2017 में 14700 रुपये का बकाया बिल जमा कर चुका था।
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पीड़ित ने टोरंट पावर व डीवीवीएनएल में गलत बिल भेजने की शिकायत की। सुनवाई नहीं होने पर 15 सितंबर 2018 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय, कलेक्ट्रेट में वाद दायर किया। फोरम के अध्यक्ष एवं न्यायाधीश आशुतोष, महिला सदस्य पारुल कौशिक एवं सदस्य राजीव सिंह ने परिवाद पर सुनवाई की।
उपभोक्ता फोरम ने वाद विचारण के बाद टोरंट पावर व डीवीवीएनएल को सेवा में कमी का दोषी माना। बुधवार को आए निर्णय में परिवाद को स्वीकार करते हुए फोरम ने अगस्त 2018 में उपभोक्ता को भेजे कुल 3,87792 बकाया बिजली बिल को निरस्त कर दिया है।
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