इंडिया न्यूज, अयोध्या
इंडिया न्यूज के ‘अयोध्या अधिवेशन राम राज्य 2022’ की उत्तर प्रदेश के उत्पाद एवं मद्यनिषेध (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रालय में राज्य मंत्री नितिल अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर भव्य शुरूआत की।
यह कार्यक्रम राम की पैड़ी श्री घाम अयोध्या पर इंडिया न्यूज की तरफ से आयोजित करवाया गया। इस अधिवेशन में राम राज्य की परिकल्पना को लेकर बातचीत की कि राम राज्य को स्थापित करने के लिए सरकार की क्या नीतियां हैं और क्या परियोजनाएं हैं।
कार्यक्रम के दौरान धर्म संसद का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख संतों व महंतों ने शिरकत की। इनमें महंत राजकुमार दास, राम वल्लभ कुंज के अधिकारी महम, ज्योतिषचार्या राकेश, झडिया मंदिर के महंत महामंडलेश्व गिरीष दास, पत्थर मंदिर के महंत मनीश दास, पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत कमला दास आदि ने संबोधित किया।
राम मंदिर और राम राज्य विषय पर कार्यक्रम के दौरान बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर असंख्य लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। 500 सालों तक संघर्ष चला। लेकिन राजनीति तो अपनी प्रकृति अपने हिसाब से चलती रहती है। अब मंदिर का निर्माण होना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। राज्य और देश में हिन्दुत्व को लेकर विवाद हो रहे हैं। लेकिन तमाम समस्या और रूकावटों के बाद भी सुर्पीम कोर्ट के माध्यम से जीत हुई है।
राम मंदिर निर्माण को राजनीति से जोड़कर देखा जाए या नहीं सवाल के जवाब में महंत गिरीष दास ने बताया कि अयोध्या नगरी भगवान श्रीराम की नगरी है जो एक समय पूरे विश्व पर राज करती थी। हमारे पूर्वजों महऋषियों ने कहा है कि राम राज्य में पीड़ा या दर्द नहीं था। एसा राम जी का चरित्र था और एसा मार्गदर्शन उन्होंने देश को दिया कि अगर अब भी जनमानस उस उस पर चलना शुरू करदे तो राम राज्य हो जाएगा।
बीच में दुर्भावना से ग्रसित लोग समाज में आए जिन्होंने समाज को गंदा करने का प्रयास किया जिसके परिणाम स्वरूप हमारी जनता को पीड़ा का सामना करना पड़ा। हमारे धर्म ग्रंथों को जलाया गया, हमारे इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया। कहीं न कहीं लोगों की अयोध्या के प्रति धर्म निष्ठा और उनकी श्री राम जी के प्रति आस्था भगवान ने सुनी और अब उत्तर प्रदेश फिर राम राज्य की परिकल्पना की तरफ बढ़ रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में धर्म संसद में साधु संतों ने राम राज्य पर अपने अपने पक्ष रखे। राम राज्य की परिकल्पना किस तरह पूरी होगी के सवाल पर राम वल्लभ कुञ्ज के महंत राजकुमार दास ने कहा कि इस देश में एक विधान होना चाहिए। हम सभी भारतीय नागरिक होने का गर्व सभी को होना चाहिए।
इसके लिए एक विधान अति आवश्यक है। जब भी असुरी शक्तियां बढ़ेंगी तब दैवीय शक्तियां सामने आएंगी। देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी देशवाशियों को एक सूत्र में पिरोने कि ताकत रखते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, जो कि एक संत भी हैं। संत ही इस देश का नेतृत्व करेगा। राम राज्य आकर ही रहेगा, उसे कोई रोक नहीं सकता है। जो भी ऐतिहासिक भूलें हुईं थी वो सब सुधरेंगी।
अयोध्या में दिन भर भजन कीर्तन होते हैं। एक तरफ सुबह 5 बजे नमाज होती है तो दूसरी तरफ आरती। अयोध्या में किसी प्रकार कोई रोक नहीं है। इससे बड़ा राम राज्य और क्या हो सकता है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला करते हुए महंत ने कहा कि निश्चित रूप से उनका कुछ सिद्ध विचार ही हैं। अगर भारत में रहकर भी हम भारत के नहीं हुए तो हमें भारत में रहने का अधिकार भी नहीं है। ayodhya adhiveshan ram rajya 2022 dharm sansand
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