इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
ज्ञानवापी में अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति की तरफ से याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है। याचिकाकर्ता के वकील हुजेफा अहमदी ने इसे प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के खिलाफ बताया और सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा। गुरुवार को वाराणसी कोर्ट ने परिसर के तहखाने तक वीडियोग्राफी व सर्वे कराने संबंधी आवेदन को अदालत ने स्वीकार कर लिया है।
पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए अदालत ने आदेश दिया है कि कि ताला खोलकर या तोड़कर जैसे भी हो, पूरे परिसर के सर्वे की कार्यवाही पूरी करवाएं। कोर्ट ने प्रशासन पर भी तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा है कि प्रशासन को सुस्पष्ट भाषा क्यों समझ में नहीं आती है? सर्वे की कार्यवाही पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की गई है।
अदालत ने आदेश में कहा है कि कमीशन की कार्यवाही में किसी की ओर से कोई बाधा डाले जाने पर जिला प्रशासन प्राथिमिकी दर्ज करवाकर सख्त विधिक कार्यवाही करे। इसके साथ ही डीजीपी और मुख्य सचिव को पूरे मामले की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया है और कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त इस मामले में लापरवाही न करें। दोनों को पत्र भी भेजा जाएगा।
अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र को हटाने की मांग को खारिज करते हुए अदालत ने आदेश दिया है कि किसी कीमत पर सर्वे की कार्यवाही नहीं रुकेगी। अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्र को आगे का सर्वे जारी रखने का आदेश देते हुए उनके सहयोग के लिए विशेष सर्वे अधिवक्ता के रूप में अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह को तैनात किया गया है। इनमें किसी भी अधिवक्ता की गैरमौजूदगी में काम नहीं रुकेगा। सर्वे की कार्यवाही अब हर दिन सुबह आठ बजे से 12 बजे तक होगी।
यह भी पढ़ेंः कांग्रेस का तीन दिवसीय शिविर आज से, ट्रेन से उदयपुर पहुंचे राहुल गांधी