इंडिया न्यूज, वाराणसी (Varanasi Electricity Theft)। बिजली विभाग में बड़ा खेल पकड़ा गया है। फलस्वरूप निगम के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, डाफी स्थित सत्कार होटल में 14 किलोवाट के मीटर से बिजली निगम के अधिकारी हर महीने 61 किलोवाट तक की बिजली चोरी कराते थे। चार गुना से ज्यादा लोड होने के कारण चार महीने में चार बार मीटर जल गया और मई महीने में ही पांचवां मीटर लगवाया गया। चौथा मीटर बहुत कम समय में ही जल गया और इसके बाद बिजली चोरी के जरिए अफसरों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का शक गहराया। हद तो तब हो गई जब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली पर बिजली कर्मियों ने महज 32 लाख में करते हुए डिमांड लेटर जारी कर दिया।
बिजली चोरी के सहारे लाखों के भ्रष्टाचार में लिप्त बिजली निगम के अधिकारी डाफी स्थित होटल सत्कार में कम लोड का मीटर लगाकर उसे लाभ पहुंचा रहे थे। कई महीनों से चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल में पांचवां मीटर लगाने के दौरान एमडी विद्याभूषण तक इस खेल की जानकारी हुई। 17 जून को विजिलेंस की औचक छापेमारी में होटल सत्कार में 61 किलोवाट लोड पाया गया। यहां होटल के लिए अलग ट्रांसफार्मर के बाद भी अलग से क्षमता से कई गुना ज्यादा का केबल लगाकर बिजली चोरी की जा रही थी। यह बिजली चोरी कई वर्षों से चल रही थी और इसके जरिए हर महीने लाखों रुपये के बिल में हेराफेरी की जा रही थी। सूत्रों की मानें तो नगरीय विद्युत वितरण खंड चतुर्थ का हर कर्मचारी व अधिकारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त था।
भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) जयकृष्ण और एके सिंह, एसडीओ एपी यादव, अवर अभियंता राज कुमार राम, लिपिक लाल बहादुर वर्मा और मनीष सोनकर को अधीक्षण अभियंता प्रथम अनूप सक्सेना ने कार्यालय से रिलिव कर दिया है। बताया कि आरोपी जांच को प्रभावित न कर सकें, इसलिए निलंबित बिजली कर्मियों को रिलीव किया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग की ओर से जयकृष्ण सहित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्यकाल में हुई अन्य बिल असेसमेंट की जांच कराई जाएगी।
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