इंडिया न्यूज, गोरखपुर (Uttar Pradesh)। विजयादशमी पर मंगलवार को गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में शोभायात्रा निकली। वे एक राजा की पोशाक में थे। उनके इस रूप को दंडाधिकारी कहा जाता है। वे एक राजा की तरह वस्त्र, मुकुट धारण कर रथ पर सवार हुए।
इस दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। चारों तरफ केसरिया झंडे लहरा रहे थे। तुरही, नगाड़े और बैंड की धुन बज रही थी। शोभायात्रा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। यात्रा रामलीला मैदान पहुंची, जहां सीएम योगी ने राम, लक्ष्मण, सीता और रामलीला के अन्य चरित्रों का पूजन किया। इस दौरान सीएम की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही। ड्रोन से निगरानी की जा रही थी।
दरअसल, नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े पीठ गोरक्षपीठ में शारदीय नवरात्रि का एक अलग महत्व है। नवरात्रि में पीठ के पीठाधीश्वर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। पिछले कई सालों से इस पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ हैं। गोरक्षपीठ में सप्तमी की रात्रि में निशा पूजन किया गया।
मां कालरात्रि की इस विशेष पूजा में देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ-साथ प्रकृति के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की गई। महाअष्टमी को ही हवन पूजन किया गया। नवमी के दिन मंदिर में सीएम योगी ने 51 कन्याओं और बटुकों का पांव पखार कर उन पर पुष्प अर्पित किया। उन्हें चुनर उढाकर, दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने लिया।
गोरक्षपीठ में विजयदशमी के दिन पीठाधीश्वर सीएम योगी आदित्यनाथ राजा की भूमिका में नजर आए। एक राजा के तरह ही राजसी वस्त्र और मुकुट धारण कर पीठाधीश्वर ने विजयदशमी पर सुबह श्रीनाथ जी की पूजा अर्चना की। फिर गोरक्षपीठ में स्थापित सभी देवी देवताओं के मंदिरों में जाकर उनकी विशेष पूजा की।
पीठाधीश्वर इस दिन जब अपने कक्ष से पूजा के लिए निकले तो उनके साथ उनकी सेना और प्रजा भी मौजूद रही। ढोल-नगाड़ा, बैंड बाजा और डमरु की ध्वनि के बीच पीठाधीश्वर ने अपनी पूजा को पूरा किया।
इसके बाद पीठ में तिलक पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें देश भर से आए नाथ योगी, साधु-सन्यासी तथा गोरक्षपीठ के भक्तों ने अपने राजा का तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद शाम को पीठाधीश्वर की शाही सवारी निकली।
सीएम योगी रथ पर सवार थे। उनके अंगरक्षक, सेना और प्रजा पैदल चलकर मानसरोवर मंदिर पहुंची। जहां पर पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मानसरोवर मंदिर में भगवान शंकर की आराधना की। इसके बाद से यह शाही सवारी रामलीला मैदान पहुंची। जहां पर भगवान श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी के चरित्रों को निभाने वाले पात्रों का तिलक लगाकर पूजन किया।
यहां पर पीठाधीश्वर सीएम योगी ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। रावण ने सीता मां का अपहरण किया था। अपहरण करके रावण ने मौत बुलाई। राम ने रावण का वध किया।
यह पर्व मातृशक्ति के सम्मान का भी प्रतीक है। भगवान राम ने मर्यादा का पाठ पढ़ाया। सत्य का साथ नहीं छोड़ने की सीख दी। धर्म के बारे में जानना है तो राम के बारे में जानिए।
सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास सही दिशा में चल रहा है। कोरोना भी राक्षस के रूप में आया था। आज कोरोना लगभग समाप्त हो गया। कोरोना में सरकार ने बेहतर प्रबंधन किया। मस्तिष्क ज्वर की वैक्सीन 100 साल बाद आई। कोरोना की वैक्सीन 9 महीने के बाद आई। यूपी में 38.5 करोड़ फ्री वैक्सीन दी।
इससे पहले सोमवार की रात मन्दिर के तिलक हाल में राजा का दरबार लगा। जहां पर पीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आए। इस समय पूरे साल में नाथ योगियों के कार्यों की समीक्षा की गई।
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने नवमी पर कन्याओं के पांव पखारे, बच्ची ने कही बड़ी बात
यह भी पढ़ें- 11 साल के बच्चे का अपहरण कर मांगी 30 लाख की फिरौती, 24 घंटे के अंदर पुलिस ने कर दिया बड़ा खुलासा