होम / Gyanvapi Case: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर कोर्ट ने तय की अगली तारीख, 11 अक्टूबर के होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर कोर्ट ने तय की अगली तारीख, 11 अक्टूबर के होगी सुनवाई

• LAST UPDATED : October 7, 2022

इंडिया न्यूज यूपी/यूके, वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में कार्बन डेटिंग पर कोर्ट का फैसला टल गया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर को अगली तारीख दी है। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। इस दौरान दोनो पक्ष के लोग मौजूद रहे। बता दें कि शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई, गहराई, उम्र और आसपास की एरिया की कार्बन डेटिंग पर सुनवाई हुई है। वहीं वादी राखी सिंह की ओर से कर्माइकल लाइब्रेरी में मिली गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा को संरक्षित करने के आवेदन पर भी 11 को ही सुनवाई होगी।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कही ये बात
जिला जज डॉ. एके विश्वेश की कोर्ट ने कहा है कि वादिनी पांच महिलाएं एकमत होकर अपनी बात रखें। और बताएं कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की किस वैज्ञानिक पद्धति से जांच हो। न्यायालय ने अगली तारीख नियत करने से पहले वादी पक्ष से पूछा की कार्बन डेटिंग से उस स्थान का क्षरण तो नहीं होगा। इस वादी पक्ष ने वैज्ञानिक पद्धति से जांच की मांग की। मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति की है। मुस्लिम पक्ष 11 अक्तूबर को अपनी आपत्ति दाखिल करेगा।

शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग
वहीं इस मामले में वादी पक्ष की चार महिलाओं ने सर्वे में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या किसी अन्य आधुनिक विधि से जांच की मांग की है। जबकि एक वादी राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया है। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने भी कार्बन डेटिंग का विरोध किया है। शुक्रवार को न्यायालय में शोक के चलते अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं करने का प्रस्ताव पास किया है। इसके चलते न्यायालय में इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई।

जानिए क्या होती है कार्बन डेटिंग
कार्बन डेटिंग आखिर होती क्या है और इस परीक्षण से किन चीजों को लेकर नतीजे निकाले जा सकते हैं? इस बारे में BHU के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अशोक सिंह ने खास बातचीत में कहा कि कार्बन डेटिंग केवल उन्हीं चीजों की हो सकती है, जिसमें कभी कार्बन रहा हो।

इसका सीधा-सीधा मतलब हुआ कि कोई भी सजीव वस्तु जिसके अंदर कार्बन होता है, जब वह मृत हो जाती है तब उसके बचे हुए अवशेष की गणना करके कार्बन डेटिंग की जाती है। जैसे हड्डी, लकड़ी का कोयला, सीप, घोंघा इन सभी चीजों के मृत हो जाने के बाद ही इनकी कार्बन डेटिंग की जाती है। जैसे हड्डी, लकड़ी का कोयला, सीप, घोंघा इन सभी चीजों के मृत हो जाने के बाद ही इनकी कार्बन डेटिंग की जाती है।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox