Mulayam Singh Yadav
इंडिया न्यूज, सैफई (Uttar Pradesh) । साल 1984 और तारीख 4 मार्च थी। मुलायम सिंह यादव की इटावा में रैली थी। इटावा मुलायम सिंह का घर है। रैली खत्म होने के बाद मुलायम सिंह यादव अपने एक दोस्त से मिलने के लिए महिखेड़ा गए। दोस्त से मुलाकात हुई।
फिर वहां से मैनपुरी के लिए रवाना हुए। लेकिन महिखेड़ा से निकलने के कुछ ही देर बाद उनकी गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। बाइक सवार दो हमलावारों ने उनकी गाड़ी पर गोलीबारी शुरू कर दी। बाइक सवार बदमाशों का निशाना मुलायम सिंह यादव थे।
मुलायम सिंह की सुरक्षा में लगे जवानों ने मोर्चा संभाला। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश गोली लगने से मारा गया। जबकि दूसरा गंभीर रुप से घायल हुआ। सुरक्षाकर्मियों ने मजबूत घेरा बनाकर मुलायम सिंह यादव को पास में स्थित कुर्रा पुलिस थाना ले गए। इस तरह मुलायम सिंह यादव की जान बच सकी थी। जिस वक्त मुलायम सिंह यादव पर हमला हुआ, उस वक्त यूपी की राजनीति में मुलायम सिंह यादव का कद तेजी से उभर रहा थ। ऐसे में उनके विरोधियों ने उन्हें मारने की साजिश रची थी।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। नेता जी 82 साल के थे। पैतृक गांव सैफई में दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। बता दें कि उनके निधन के बाद सोमवार को यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
सैफई में घंटा घर किसान बाजार के पास हनुमान मंदिर के पीछे अंतेष्टि स्थल तैयार किया जा रहा है। रामगोपाल यादव ने बताया कि माननीय नेता जी हमारे बीच नहीं रहे। उनका पार्थिव शरीर मेदांता अस्पताल से यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा लखनऊ इक्स्प्रेसवे से होकर करहल कट से सैफई के लिए जाएगा। उनका अंतिम संस्कार कल 11 अक्तूबर को अपरान्ह 3 (तीन) बजे सैफई में होगा। अंतिम दर्शन के लिए आज माननीय नेता जी का शव उनके सैफई आवास पर रखा जाएगा।
सीएम योगी ने मुलायम सिंह यादव जी के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा करती है। साथ ही उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होने की बात कही है। बता दे सपा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर नेता जी के निधन की जानकारी दी गई।
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