इंडिआ न्यूज यूपी/यूके, सीतापुर: जिले में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने में जिले की पुलिस नाकाम साबित होती नजर आ रही है। वहीं अब खाकी अपनी खीझ मिटाने के लिए अपराधियों को छोड़ मृतकों पर कार्यवाही कर शिकंजा कसने लगी है। ऐसा ही एक मामला लहरपुर तहसील क्षेत्र में सामने आया है। जहां 7 माह पूर्व बीमारी के चलते मर चुके एक बुजुर्ग पर शांतिभंग की आशंका के चलते पुलिस ने 107/116 की कार्यवाही करते हुए परिजनों को चालान समन थमा दिया। जिसको देखते ही परिजनों के होश उड़ गए। हालांकि परिजनों ने पुलिस को इस बात की दलील भी दी गयी लेकिन पुलिस कर्मियों ने किसी बच्चे को ही पेशी पर भेजने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया।
ये था पूरा मामला
बता दें कि लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नवीनगर निवासी मृतक रामखेलावन पुत्र जानकी की मृत्यु विगत 8 अप्रैल 2022 को हो गई थी। जिसके बाद परिवार द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया गया। इतना ही नही उपजिलाधिकारी कार्यालय से 17 अगस्त को मृतक आश्रित प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो गया। इसके बाद भी परिवार को बिना जानकारी दिए कोतवाली पुलिस किसी मुकदमे को लेकर मृतक के घर चालान सम्मन भेज देती है कि 14 अक्टूबर 2022 को तहसील में पेश हों।
परिजनों की आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
परिजनों का कहना है कि कोतवाली पुलिस बीते 8 अक्टूबर को जब सम्मन तामील लेकर पहुंचे तो मृतक के बच्चों द्वारा बताया गया कि उनकी मृत्यु 8 अप्रैल को हो गई है, तो कोतवाली पुलिस ने कहा कि कोई भी बच्चा तहसील पहुंच जाए। गौरतलब है कि कोतवाली पुलिस ने बिना जांच किए मृतक रामखेलावन के नाम चालान काटकर तहसील न्यायालय में आने को कहा, जो न्यायोचित नही है।
जिसके बाद मृतक की पत्नी रूपा ने 14 अक्टूबर को एसडीएम को लिखित पत्र देकर मामले की जांच कराए जाने और पीड़ित की मृत्यु हो जाने के चलते केस को खत्म किये जाने की गुहार लगाई है। साथ ही बिना जांच किये ही कार्यवाही करने वाले पुलिस कर्मियों उपनिरीक्षक राम कुमार भदौरिया, कांस्टेबल विकास कुमार व रोबिन सिंह पर भी कार्यवाही करने की मांग की है।