होम / Varanasi News: आजादी के बाद दीपावली में पहली बार गुलाबी मीनाकारी के शिल्पियों को मिला 20 करोड़ का ऑर्डर

Varanasi News: आजादी के बाद दीपावली में पहली बार गुलाबी मीनाकारी के शिल्पियों को मिला 20 करोड़ का ऑर्डर

• LAST UPDATED : October 21, 2022

Varanasi News

इंडिया न्यूज, वाराणसी (Uttar Pradesh) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से काशी की धरोहर हस्तशिल्प कला उद्योग को पंख लग गये हैं। वाराणसी का जीआई प्रोडक्ट गुलाबी मीनाकारी जिसकी खूबसूरती देश विदेश के कला पारखियों के साथ ही अब भारत की नामी गिरामी मल्टीनेशनल कंपनियों को भी भाने लगी है। दीपावली के मौके पर कॉरपोरेट गिफ्ट के साथ इंडियन मल्टीनेशनल कम्पनी अपने स्टोर पर बिक्री के वास्ते रखने के लिए ऑर्डर दे रही हैं। आजादी के बाद पहली बार दीपावली के मौके पर वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी के शिल्पियों को करीब 20 करोड़ से अधिक का आर्डर मिला है।

दीपावली पर कॉरपोरेट गिफ्ट के लिए मिला रहा ऑर्डर

काशी की भौगोलिक संकेतक सम्पदा (जीआई प्रोडक्ट) गुलाबी मीनाकारी भौगोलिक सीमाओं से बाहर निकलकर विदेशों की सैर कर रही है। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी कुंजबिहारी ने बताया कि लोकल से ग्लोबल हुई जीआई टैग वाली गुलाबी मीनाकारी की मांग अब इंडियन मल्टीनेशनल कंपनियां अपने स्टोर पर रखने के लिए करने लगी हैं। दीपावली पर उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए देश विदेश में इसकी मांग बढ़ी है। कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए बल्क में आर्डर आ रहे हैं। कुंजबिहारी ने बताया कि दीपावली में पहली बार अकेले उनको करीब दस करोड़ का आर्डर मिला है। जबकि की अन्य शिल्पियों की बात करे तो ये आर्डर लगभग 20 करोड़ का है। जिसमें खास तौर पर राष्ट्रीय पक्षी मोर, हाथी, गणेश जी, सजावट के सामान और ज्वैलरी की मांग है।

परंपरागत व्यवसाय से दूर जा चुके लोग अब लौटने लगे

वाराणसी के सहायक आयुक्त उद्योग वीके वर्मा ने बताया कि जब से मोदी और योगी जी ने जीआई और ओडीओपी के उत्पादों को देश विदेश के मेहमानों को भेंट देना शुरू किया है, साथ ही लोगों से भी स्थानीय प्रोडक्ट भेंट देने की अपील की है, इससे गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की मांग बढ़ी है। इस दीपावली में पहली बार लगभग 20 करोड़ का आर्डर मिला है। उत्तर भारत जीआई महोत्सव से भी गुलाबी मीनाकारी को अच्छा बाज़ार मिल रहा है।

कुंजबिहारी के अनुसार हमारा शिल्प ना सिर्फ काशी बल्कि देश की धरोहर है। पीएम सीएम के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज एक बार फिर हमारे शिल्प की डिमांड बढ़ी है। इस पुश्तैनी काम से जो लोग मुंह मोड़ चुके थे आज वे फिर से जुड़ने लगे हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम और हमें मिले टूल किट से भी हमारे हुनर को चार चाँद लग गया है। इस सदियों पुरानी गुलाबी मीनाकारी की बारीकियां सीख कर वाराणसी की शालिनी, काज़ल, भूमि, पूनम, संगीता, सीमा, ख़ुशी जैसी तमाम महिलाएं भी अपने घरों में आर्थिक सहयोग कर रही हैं।

यह भी पढ़ें- प्रदेश भर में करीब 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे, 15 नवंबर तक शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट –

Connect Us Facebook | Twitter

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox