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Saryu Canal Project Starts : सरयू नहर परियोजना की शुरूआत होने पर बंजर जमीन उगलेगी सोना

• LAST UPDATED : December 4, 2021

इंडिया न्यूज,श्रावस्ती:

Saryu Canal Project Starts  सरयू नहर परियोजना की शुरूआत होने के बाद यह बदलाव नजर आएगा कि सिंचाई की व्यवस्था न होने से बंजर हो चुकी नेपाल सीमा से सटी सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल की कृषि योग्य भूमि पर भी अब फसलें लहलहाएंगी। श्रावस्ती के अलावा बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, गोरखपुर और महराजगंज जिले के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। नेपाल सीमा पर स्थित श्रावस्ती जिले का कुल क्षेत्रफल 1633.78 वर्ग किलोमीटर है।

एक लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषि योग्य भूमि Saryu Canal Project Starts

यहां लगभग 12 लाख की आबादी निवास करती है। यहां एक लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषि योग्य भूमि है। इसमें से लगभग 82 हजार हेक्टेयर सिंचित भूमि है। छोटे जोत के किसानों की यहां अधिकता है। खेती-किसानी में धान, गेहूं और गन्ने का उत्पादन प्रमुखता से होता है। नेपाल के पहाड़ों से सटा जनपद होने से यहां की पथरीली जमीन पर बोआई नहीं हो पाती है। हजारों की संख्या में किसान प्रकृति के भरोसे रबी व खरीफ की खेती करते हैं।

लगातार घाटा होता देख सिरसिया व जमुनहा क्षेत्र के बड़ी संख्या में किसानों ने खेतों को परती छोड़ रखा है। सरयू नहर परियोजना शुरू होने से अब इन किसानों के दिन बहुरेंगे।


सरयू नहर परियोजना Saryu Canal Project Starts

1978 में स्वीकृत हुई थी परियोजना: वर्ष 1978 में स्वीकृत हुई सरयू नहर परियोजना को वर्ष 1982 में विस्तारित करते हुए बलरामपुर समेत नौ जिलों को इसमें जोड़ा गया था। लंबे समय से इसके अधूरे पड़े इस प्रोजेक्ट को 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को समर्पित करने जा रहे हैं।

कई नदियों को आपस में जोड़ा गया Saryu Canal Project Starts

डीएम नेहा प्रकाश ने बताया कि सरयू नहर परियोजना के लिए घाघरा, राप्ती, बाण गंगा, सरयू व रोहणी नदी को आपस में जोड़ा गया है। इसकी पुनरीक्षित लागत 9802.68 करोड़ रुपये है। मार्च 2021 तक 9562.68 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

तमाम गांवों में बदलाव आने की उम्मीद Saryu Canal Project Starts

सिरसिया क्षेत्र में सिरसिया, बालू, घोलिया, तकिया, बालापुर, सोहेलवा, रनियापुर, बेलहरी, सरार्बोझी, जुड़पनिया, बभनी, घोघवा, कुसमहवा, रामपुर, चिल्हरिया, गब्बापुरवा समेत अन्य गांवों में बोरिंग न होने से सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल परती पड़ी रहती है। जमुनहा क्षेत्र के किसान भी इसका दंश झेलते हैं। किसान वीरेंद्र प्रताप सिंह, रामप्रसाद, खेलावन ने बताया कि नहर शुरू होगी तो व्यापक स्तर पर सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। खेतों में फसलें लहलहाएंगी तो किसानों के दिन बदल जाएंगे।

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