Sitapur
इंडिया न्यूज, सीतापुर (Uttar Pradesh)। यूपी के सीतापुर मे एक ऐसी घटना का खुलासा हुआ है जहा चाचा की जमीन का बैनामा करवाकर उसका मूल्य न देने से आक्रोशित नौकर कल्लू ने कोटेदार और पूर्व प्रधान प्रतिनिधि लल्ला सिंह से बदला लेने की ठान ली थी। कोटे का राशन चोरी करने का आरोप लगाकर जब लल्ला सिंह ने कल्लू को घर से भगाया तो वह गुस्से से आग बबूला हो गया था। उसी आक्रोश के चलते उसने हथौड़े के तीन वार करके रात में 11 से 12 बजे के बीच ही लल्ला सिंह को मौत के घाट उतार दिया था।
हत्या के दौरान हथौड़े पर खून के निशान न लगे इसलिए उसने हथौड़े पर पालीथीन बांध दी थी। वह पूरी रात लाश के साथ सोता रहा था। पुलिस ने कल्लू की निशानदेही पर खून से सनी पालीथीन भी नाली से बरामद कर ली है।
बेटी ने भाजपा नेता पर दर्ज कराया था केस
महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गुलौली गांव निवासी वर्तमान कोटेदार व पूर्व प्रधान प्रतिनिधि लल्ला सिंह (55) पुत्र पहलवान सिंह की हथौड़ा मारकर घर के बाहर कमरे में सोते समय हत्या कर दी गई थी। घटना के दौरान मृतक लल्ला सिंह के साथ उनका नौकर कल्लू सोया था।
मृतक की विधवा पुत्री ने घटना के सम्बंध में महमूदाबाद कस्बे के बरगदिया निवासी भाजपा नेता अंकुश राज विश्वकर्मा व सुंदौली निवासी जूता चप्पल व्यापारी नवीन शुक्ल उर्फ पप्पी को नामजद करते हुए हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो सबसे पहले नौकर कल्लू से पूछताछ हुई। इसके बाद भतीजे परवेश और बेटी को भी शक के दायरे में रखकर पूछताछ की गई।
एडिशन एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक विजयेंद्र सिंह, एसआई अशोक कुमार सिंह, कामता प्रसाद मिश्र, एचसीपी राजेन्द्र यादव, आरक्षी संजय यादव की टीम ने मुखबिर की सूचना पर कहीं भागने की कोशिश कर रहे मृतक लल्ला सिंह के नौकर कल्लू पुत्र राम चंद्र वर्मा मूल निवासी जयपालपुर मजरे खिंझना थाना बड्डूपुर को पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ करने पर कल्लू ने लल्ला सिंह की हत्या करने का जुर्म स्वीकार कर लिया।
जमीन विवाद के चलते चल रही थी रंजिश
पूछताछ के दौरान कल्लू ने पुलिस को बताया कि अब से करीब 12 वर्ष पूर्व उसने अपने पारिवारिक चाचा संकटा वर्मा की दो बीघा जमीन का सौदा लल्ला सिंह से खरीदने के लिए तय करवाया था। बैनामा के दौरान अनपढ़ होने के चलते लल्ला सिंह ने चाचा की पूरी 11 बीघा जमीन महज दो बीघा जमीन के पैसे देकर अपने नाम करवा ली थी। कई बार शेष पैसे मांगने पर भी लल्ला सिंह ने चाचा को पैसे नहीं दिए और पूरी जमीन पर जबरिया कब्जा कर लिया था। उसी जमीन पर 10 तालाब खुदवाकर डेढ़ लाख रुपए वार्षिक ठेके पर मछली पालने के लिए गांव के एक युवक को दिए थे।
कल्लू ने बताया कि घटना के कुछ दिन वह अपने साथियों को लेकर तालाब पर मछली मांगने गया, जो ठेकेदार ने उसे मछलियां देने से मना करते हुए भगा दिया था। इसके बाद लल्ला सिंह ने उस पर गोदाम में लगे कोटे के 15 कुंतल अनाज की चोरी का आरोप लगाते हुए घर से भगा दिया। इसके बाद कल्लू के मन में लल्ला सिंह के प्रति नफरत फैलने लगी और उसने बदला लेने की ठान ली। उसने बड्डूपुर कस्बे के साढ़े तीन सौ रुपए में हथौड़ा खरीदा और उसमें बीस रुपए देकर वहीं हत्था लगवाया। उसके बाद उसने हथौड़े को बोरे में छिपाकर रख दिया।
सो जाने पर हथौड़े से किया हमला
चार नवम्बर को लल्ला सिंह कल्लू को फिर से लखनऊ से बुलाकर लाए थे और तभी से वह उनकी हत्या करने के लिए समय का इंतजार कर रहा था। उस रात उसने लल्ला सिंह को दवाई देते समय नींद की गोली मिलाकर खिला दी और बाहर आकर बीड़ी पीते-पीते उनके सोने का इंतजार करता रहा। लल्ला सिंह के सो जाने पर उसने हथौड़े को निकाला और उस पर पॉलीथीन चढ़ाकर सर पर तीन वार किए। जिससे उनकी मौत हो गई।
घटना को अंजाम देने के बाद कल्लू उन्ही के बगल में चारपाई पर सो गया और सुबह जब लल्ला सिंह को जगाने उनकी बेटी आई तब उठा। पूछताछ के दौरान कम अक्ल व एक आंख वाले कल्लू ने दीन हीन शक्ल बनाकर पुलिस को खूब भरमाया। लेकिन आखिरकार उसकी असलियत खुल गई। पुलिस ने हत्या मे प्रयुक्त हथौड़ा व हथौड़े पर बांधी गई पालीथीन भी बरामद कर ली और कल्लू को हत्या की धारा में जेल भेज दिया।
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