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Prayagraj: नियमित श्रृंगार गौरी पूजा मामले की सुनवाई जारी, हिंदू उस स्थान पर नियमित कर रहे थे पूजा

• LAST UPDATED : December 14, 2022

Prayagraj

इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh)। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की नियमित पूजा की मांग करने वाले मुकदमे में ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (एआईएम) द्वारा दायर एक सिविल पुनरीक्षण याचिका में तय तारीख के अनुसार, मामले की सुनवाई मंगलवार को फिर से शुरू की गई। हालांकि, संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख तय करने का निर्देश दिया।

हिंदू उस स्थान पर नियमित कर रहे थे पूजा
हिंदू पक्ष के वकील के अनुसार, इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील ने मंगलवार को अनुरोध किया कि वर्ष 1937 में दीन मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति ने एक मुकदमा दायर कर घोषणा की थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से संबंधित मुकदमे में उल्लिखित संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित किया जाए। उस मुकदमे में भी यह स्वीकार किया गया था कि हिंदू उस स्थान पर नियमित पूजा कर रहे थे और यहां तक कि ब्रिटिश सरकार ने भी ऐसा कहा था। हिंदू पक्ष द्वारा यह भी तर्क दिया गया था कि दीन मोहम्मद मामला वर्तमान कार्यवाही में लागू नहीं होगा, क्योंकि हिंदू समुदाय के किसी भी व्यक्ति को उस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया था।  इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया था कि विवादित स्थल पर मंदिर के विध्वंस से, उक्त भूमि मंदिर भूमि होने की अपनी प्रकृति को नहीं खो देती है और इस तरह से पूजा स्थल अधिनियम मामले में लागू नहीं होगा, क्योंकि मंदिर भारत की स्वतंत्रता से बहुत पहले विध्वंस से पहले उक्त भूमि पर मौजूद था।

जारी रहेगी याचिका 
तय तारीख के अनुसार, मामले की सुनवाई मंगलवार को फिर से शुरू की गई। हालांकि, संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख तय करने का निर्देश दिया। इससे पहले, याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (एआईएम), ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने इस याचिका पर हिंदू पक्ष के दावे का विरोध किया था कि निचली अदालत के समक्ष मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत प्रतिबंधित है। इसमें प्रावधान है कि 15 अगस्त 1947 को मौजूद किसी भी धार्मिक स्थल के धर्मांतरण की मांग करते हुए कोई मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है। अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय 14 दिसंबर को एआईएम की याचिका पर सुनवाई जारी रखेगा। इसमें वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की नियमित रूप से पूजा करने की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर मुकदमे की विचारणीयता पर अपनी आपत्तियों को खारिज करने के वाराणसी अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है।

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