Irfan Solanki
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh)। जाजमऊ प्लांट में आगजनी मामले में फंसे इरफ़ान सोलंकी की मुसीबतें बढ़ती ही जा रहीं हैं। वहीं अब इरफ़ान को थोड़ी राहत मिल सकती है। बीते गुरूवार इरफ़ान के वकील नरेश चंद्र त्रिपाठी व अधिवक्ता और सपा नेता सतीश निगम इरफ़ान से मिलने जेल में गए। इरफान से मिलने के बाद उन्होंने दावा किया है कि इरफ़ान का बंगलादेशी रिजवान से कोई लेना देना नहीं है।
फर्जी है इरफ़ान लेटर हेड
इरफ़ान से मिलने गए वकील व विधायक ने बताया कि उन्होंने इरफ़ान से बांग्लादेशी की झूठी पहचान करने के मामले पर चर्चा की। इस दौरान उन्हें यह पता चला कि बांग्लादेशी रिजवान मोहम्मद के शहर के पुष्टि में इस्तेमाल किया गया लेटरहेड फर्जी है। उन्होंने दावा किया है कि पुष्टि के लिए इस्तेमाल किये गए गए सभी दस्तावेजों पर इरफ़ान के अलग-अलग हस्ताक्षण हैं। उन्होंने कहा कि पिलिस ने हस्ताक्षण का मिलान तक नहीं किया है।
साथ ही उन्होने कहा कि इरफ़ान को लेटर हेड विधानसभा से दिया जाता है। विधानसभा के द्वारा दिए जाने वाले लेटर हेड पर सीरियल नंबर भी लिखा होता है। मगर रिजवान के पास से मिले लेटर हेड पर सील नंबर भी नहीं है। इन सब को देखने के बाद वकील नरेश चंद्र त्रिपाठी व अधिवक्ता सतीश निगम पुलिस आयुक्त से मिलकर मामले की पुष्टि करेंगे।