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Ankita Murder Case: नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज की CBI जांच की मांग, कहा- SIT अच्छा काम कर रही

• LAST UPDATED : December 21, 2022

Ankita Murder Case

इंडिया न्यूज, नैनीताल (Uttarakhand)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी है। एकलपीठ ने कहा कि इस संवेदनशील मामले में एसआईटी टीम आईपीएस के नेतृत्व में अच्छा काम कर रही है। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि न्यायालय ने सरकार के क्रिमिनल साइड के अधिवक्ता को मामले में जोड़ने को कहा है।

सबूतों को छिपाने का लगाया था आरोप
वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग संबंधी याचिका में आदेश को 26 नवंबर 2022 को सुरक्षित रखा था। मामले के अनुसार अंकिता के परिजन आशुतोष नेगी ने याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस व एसआईटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रही है। एसआईटी द्वारा अभी तक अंकिता के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था, उसी दिन शाम को उनके परिजनों के बिना अंकिता का कमरा तोड़ दिया। जब अंकिता का मेडिकल हुआ था, पुलिस ने बिना किसी महिला की उपस्थिति में उसका मेडिकल कराया गया। जो माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है।

मेडिकल कराते समय एक महिला का होना आवश्यक था, जो इस केस में पुलिस द्वारा नहीं किया। जिस दिन उसकी हत्या हुई थी, उस दिन छह बजे पुलकित उसके कमरे में मौजूद था।

दुराचार की बात भी पुलिस नहीं मान रही
याचिका में यह भी कहा गया है कि अंकिता के साथ दुराचार हुआ है, जिसे पुलिस नहीं मान रही है। पुलिस इस केस में लीपापोती कर रही है। इसलिए इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए। याचिकाकर्ता पत्रकार आशुतोश नेगी की याचिका में अंकिता के पिता और माता ने इम्प्लीडमेंट याचिका दाखिल की थी जिसको न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

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