इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Rules and Provision for CDS of the Country: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में बुधवार को भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत का निधन हो गया। बिपिन रावत के निधन के बाद सबसे अहम सवाल यही है कि अब देश के सीडीएस पद का भार कौन संभालेगा? क्या फिर से सीडीएस पद के अधिकार राष्ट्रपति के सैन्य अधिकारों में समाहित हो जाएंगे?
बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय सेना का एमआई 17वी 5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो जाने से सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया। रावत के बाद अब देश के सीडीसी का कार्यभार उनके बाद पूर्व अधिकारी संभालेगा या इस पद पर नई नियुक्ति की जाएगी? सैन्य जानकारों के मुताबिक सीडीएस एक महत्वपूर्ण पद है और इसका कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता। इस पद पर नई नियुक्ति ही की जाएगी। रक्षा मामलों से जुड़ी एक उच्च स्तरीय समिति तय करेगी कि अगले सीडीएस कौन होंगे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाने की सिफारिश साल 2001 में मंत्रियों के एक समूह ने की थी। यह जीओएम कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था। जीओएम की सिफारिश के बाद सरकार ने साल 2002 में सीडीएस के पद को गठित करने के लिए इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ बनाया था। जिसे सीडीएस सचिवालय के तौर पर काम करना था।
इसके 10 साल बाद, साल 2012 में सीडीएस के लिए नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने की कवायद जारी रही थी। जिसे साल 2014 के बाद एनडीए सरकार ने तेज कर दिया था।
2014 में केंद्र में आई एनडीए सरकार ने साल 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद गठित कर भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत को 30 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस के तौर पर नियुक्त किया। तभी से वे इस पद पर रहकर कार्य कर रहे थे।
सीडीएस पद पर तैनात अधिकारी का वेतन और सुविधाएं अन्य सेना प्रमुखों के बराबर रखी गई हैं। किसी सेना प्रमुख को सीडीएस बनाए जाने पर आयु सीमा का नियम बाधा न बने, इसीलिये सीडीएस पद पर रहने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर काम कर सकेंगे। सेना प्रमुख अधिकतम 62 वर्ष की आयु या 3 वर्ष के कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकते हैं। केंद्र सरकार ने सेना के नियम 1954, नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम 1965, सेवा की शर्तें और विविध विनियम 1963 और वायु सेना विनियम 1964 में संशोधन किया था।
सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस काम करते हैं। रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होते हैं और सीडीएस परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार भी होते हैं। सीडीएस रक्षा से जुड़ी पूंजीगत अधिग्रहण पंचवर्षीय योजना और दो वर्षीय सतत वार्षिक अधिग्रहण योजना को भी कार्यान्वित करते हैं।
खर्च कम करके सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता बढ़ाने और तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाने का काम भी सीडीएस की जिम्मेदारी होती है। सीडीएस रक्षा मंत्रालय के तहत बनाए गए सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में कार्य करता है और थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जुड़े मामलों पर भी एक साथ काम करता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद से सेवानिवृत्त होने वाला शख्स किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं कर सकता है। साथ ही वह सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष बाद तक भी बिना इजाजत कोई भी निजी रोजगार नहीं कर सकता है।