UP Nagar Nikay Chunav
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh)। नगर निकाय चुनाव को लेकर गठित ओबीसी आयोग की शनिवार को बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह ने की। इसमें रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा, बृजेश कुमार सोनी के अलावा पूर्व अपर विधि परामर्शी और अपर जिला जज ने बैठक की।
#Lucknow || ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का बयान –
राम अवतार सिंह ने बैठक के बाद दिया बयान
दूसरे राज्यों के आरक्षण फार्मूले पर करेंगे काम
5 से 6 माह का वक्त लगेगा-राम अवतार #NikayChunav #OBC #OBCReservation #UttarPradesh pic.twitter.com/nCY3lyHMMp— India News UP/UK (@IndiaNewsUP_UK) December 31, 2022
इस मौके पर अध्यक्ष राम अवतार सिंह ने कहा कि आरक्षण सर्वे को लेकर क्या कार्यप्रणाली अपनाई जाए इस पर आज चर्चा हुई है। ढाई से तीन महीने में रिपोर्ट सौंपनी है। जल्द जल्द से काम पूरा हो इसकी कोशिश करेंगे। सभी जिलों में जाकर सर्वे करेंगे और सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की मांग करेंगे। जिला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी से डाटा मांगेंगे। रिपोर्ट सौंपने में 5 से 6 महीने लग सकते हैं।
#Lucknow || ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का बयान –
दूसरे राज्यों के आरक्षण फार्मूले पर करेंगे काम
5 से 6 माह का वक्त लगेगा-राम अवतार
कोशिश कर रहे 3 माह में रिपोर्ट दें दें-राम अवतार
6 माह में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी-राम अवतार #NikayChunav #OBC #OBCReservation #UttarPradesh pic.twitter.com/iSlw5hEiaI— India News UP/UK (@IndiaNewsUP_UK) December 31, 2022
योगी सरकार ने बनाया है आयोग
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के सर्वे के लिए बीते बुधवार को आयोग का गठन कर दिया। आयोग 6 महीने के लिए बनाया गया है। रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उनकी टीम में चार सदस्य हैं।
ये हैं आयोग के सदस्य
रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा
रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार
पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा
पूर्व अपर विधि परामर्शी और पूर्व जिला जज बृजेश कुमार सोनी
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण पर फैसला दिया था कि सरकार बिना आरक्षण के चुनाव कराए। इस पर सीएम योगी ने कहा था कि सरकार बिना ओबीसी आरक्षण कराए चुनाव नहीं कराएगी। इसके लिए आयोग गठित करेंगे। हालांकि विपक्ष का कहना है कि यदि आयोग ही बनाना था तो पहले क्यों नहीं बनाया गया।