Lakhimpur kheri Case: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपियों और केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में कहा कि यह अपराध गंभीर श्रेणी का है।
गरिमा प्रसाद (यूपी सरकार की तरफ से) ने कहा कि आशीष का अपराध बहुत गंभीर है और इस स्थिति में आरोपी को जमानत देना समाज पर बुरा असर डाल सकता है। बता दें कि गुरुवार को (आज ) सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
आरोपी ने इस मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें हाईकोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा को हिंसा मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान अदालत के द्वारा जब जमानत याचिका का विरोध करने का आधार पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “यह एक गंभीर अपराध है और आरोपी को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।”
Supreme Court issues notice to UP Government on plea filed by Ashish Mishra, the son of Union Minister Ajay Mishra Teni, challenging Allahabad High Court decision which denied bail to him in connection with the Lakhimpur Kheri violence case. pic.twitter.com/KB9AzNTh51
— ANI (@ANI) September 6, 2022
सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा, “यह हत्या एक सोची समझी साजिश है। वह एक शक्तिशाली व्यक्ति( केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ) का बेटा है जिसका प्रतिनिधित्व भी एक शक्तिशाली वकील कर रहा है।”
आरोपी आशीष मिश्रा की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दुष्यंत दवे की दलील का विरोध किया और कहा, ताकतवर और पैसे देखना या फिर वह कौन है? क्या यह जमानत ना देने की वजह है! रोहतगी ने दलील दी कि उनका मुवक्किल बीते एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है और जिस तरह से ट्रायल चल रहा है, वह पूरा होने में 8 – 9 साल लग जायेगा।
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आपको बता दे इस मामले में आरोपी आशीष मिश्रा जेल में बंद है। आरोपी आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन जुलाई 2022 में हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। पिछले साल 10 फरवरी को इस कांड में हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को निरस्त कर दिया था।