Uttarakhand News:यूपी समेत कई राज्यों में रामचरितमानस पर लगातार विवादित बयानबाजी जारी है और उसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने भी पहली प्रतिक्रिया दी, और उस में उन्होंने चेतावनी दी है।
रामचरितमानस पर लगातार विवादित बयानबाजी जारी है। पहले बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया था। फिर इसके बाद कर्नाटक के रिटायर्ड प्रोफेसर और लेखक केएस भगवान ने भी भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की। उसके बाद समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का भी बयान आया। अब इस विवाद पर योग गुरु बाबा रामदेव ने भी चेतावनी दी है।
बाबा रामदेव ने रामचरितमानस विवाद पर कहा, “सनातन पर किसी का हमला नहीं सहेंगे। दिव्य भव्य भारत के लिए हम जिएंगे और जरूरत पड़ी तो अपने प्राणों को न्यौछावर कर देंगे। आज के दिन ये संकल्प होना चाहिए।” बाबा रामदेव का ये बयान हरिद्वार में दिया है। वहीं पहले उन्होंने हरिद्वार में 64वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है।
इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में कहा था, “धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो, तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं, बल्कि अधर्म है. रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है। इससे इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही हैं.”
उन्होंने कहा था, “रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश, जो जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर समुदायों का अपमान करते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.”
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