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UP Politics: रामचरितमानस को लेकर संघमित्रा मौर्य ने बीजेपी को धर्मसंकट में डाला, क्या एक्शन लेगी पार्टी ?

• LAST UPDATED : January 27, 2023

UP Politics: रामचरितमानस विवाद पर बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य  ने अपनी पार्टी को धर्मसंकट में खड़ा कर दिया है। जहां पार्टी में अब उनके खिलाफ एक्शन की मांग हो रही है।

उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस के विवादित बयानबाजी ने समाजवादी पार्टी के बाद, बीजेपी  के लिए भी धर्मसंकट बढ़ा दिया है। पहले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर जुबानी जंग तेज की और अब इसके बाद उनकी बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने पिता के बयान का समर्थन कर पार्टी के लिए धर्मसंकट खड़ा कर दिया।

मौर्य के बयान पर बीजेपी सांसद संघमित्रा की प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद संघमित्रा ने कहा था कि, “पिता जी ने रामचरितमानस को पढ़ा है। हालांकि मेरी इस संबंध में उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने अगर एक चौपाई का उदाहरण दिया है तो शायद इसलिए क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है। पिता जी ने उस लाइन को संदेह की दृष्टि से उद्धत करके स्पष्टीकरण मांगा तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए। यह विषय मीडिया में बैठ कर बहस करने का नहीं है. हमें लगता है कि यह विश्लेषण का विषय है।”

यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने संघमित्रा के बयान पर क्या कहा?

बीजेपी सांसद संघमित्रा के इस बयान से विपक्ष को मौका मिला तो तुरंत भूपेंद्र चौधरी ने इसपर सफाई दी। उन्होंने कहा, “इस बात पर हमारी पार्टी का स्टैंड एकदम क्लीयर है। राम और रामचरितमानस करोड़ों भारतीयों की आस्था का विषय है। इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, लेकिन हमारा बिल्कुल स्टैंड क्लीयर है। हमारी जो धार्मिक आस्था है जो परंपरा है, हम उस आस्था और परंपरा के साथ हैं।” हालांकि योगी सरकार के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “अभी लोकसभा चुनाव में एक साल का वक्त है, इसलिए अब संघमित्रा मौर्य को निर्णय लेना पड़ेगा कि वो पार्टी के साथ खड़ी हैं या फिर अपने पिता के साथ।”

दोनों के बयानों से स्पष्ट हो गया कि सांसद का ये बयान बीजेपी का नहीं है। पार्टी प्रमुख ने इससे पार्टी को तो अलग कर दिया, जबकि मंत्री ने सांसद के लिए स्पष्ट संकेत दिया कि उन्होंने पार्टी और पिता में से किसी एक को चुन लेना होगा। लेकिन इन सब के बीच बीजेपी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है।

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