UP Politics: रामचरितमानस विवाद थमने का नाम ले रहा है। प्रतिदिन इस पर कोई न कोई टिप्पणी सामने आ रही है। आज यूपी के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर सवाल खड़ा किया। उन्होंने स्वामी प्रसाद से नही अखिलेश यादव से ही इस मामले पर टिप्पणी करने की बात कह डाली। भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि सपा प्रमुख को इस बात को सामने रखना चाहिए कि स्वामी प्रसाद का बयान उनका निजी बयान है या फिर वो पार्टी का बयान है।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि “रामचरितमानस करोड़ों लोगों की आस्था है। देश के ऋषि मुनि हमें मार्गदर्शन करते हैं और धर्म का रास्ता दिखाते हैं। उन पर टिप्पणी करना गलत है।अगर स्वामी प्रसाद मौर्य का अपना बयान है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव क्या कार्रवाई करेंगे या नहीं?”
भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर स्वामी के बयान को लेकर गंभीर आरोप लगाएं है। बीजेपी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जो कहा उससे उनकी कुंठित सोच का पता चलता है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सदा से ही धर्म की राजनीति की है। ऐसे में ये कोई नया बयान नही है। बीजेपी ने कहा कि यदि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सपा खुद को अलग बता रही है तो अभी तक उनपर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई अखिलेश ने क्यों नही की।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरित मानस में कई वाक्य जातिगत भावना को ठेस पहुंचाते हैं।इस किताब को सरकार को बैन करना चाहिए। मौर्य ने कहा था, “रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।” उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं।
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