UP: रामचरितमानस ( Ramcharit Manas Row ) पर बिहार (Bihar) से शुरू हुआ विवाद यूपी ( UP) के रास्ते पूरे देश में फैल गया है। जब से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है तब से देश की राजनीति को अलग ही रंग मिल गया है। रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर हंगामा मचा पड़ा है।
इसी बीच गीता प्रेस के मैनेजर ने इस पूरे विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। मैनेजर ने बताया कि विवादित शब्द 25 साल पहले ही संस्करण में आया है। उन्होंने बताया कि जिस ताड़ना दंड को लेकर विवाद छिड़ा है उसका वास्तिवक मतलब शिक्षा है। इस शब्द को लेकर लोग अलग अलग मतलब निकाल रहें हैं।
गीताप्रेस के मैंनेजर लालमणि तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज कल एक चौपाई को लेकर लेकर विवाद चल रहा है। चौपाई है ‘ढोल गवांर शूद्र पशु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी’। इसको लेकर काफी विवाद हो रहा है। इसमें ताड़ना शब्द को लेकर काफी बातें कही जा रही हैं। बोला जा रहा है कि यह शब्द मारने-पीटने के लिए हैं। मगर ऐसा नहीं है।
दंड और ताड़ना शब्द का अर्थ शिक्षा है।मैनेजर का कहना है कि 1999 में इस शब्द को हमने इसमें जोड़ा था, लेकिन दंड की परिभाषा लोगों ने अपने-अपने तरीके से मारना पीटना मान लिया। जबकि इसका अर्थ शिक्षा से था। रामचरितमानस में ये शब्द पिछले 25 सालों छापा जा रहा है।
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद से यूपी की राजनीति में सियासी हंगामा मचा पड़ा है। बीते दिनों लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई गई थी। इसको लेकर भाजपा और सपा आमने-सामने आ गई हैं। मौर्य अपने बातों पर टिकें है। उनका कहना है कि वो धर्म के नाम पर हो रहे पिछड़ो और दलितों के अपमान को बरदास्त नहीं करेंगे।
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