UP Politics: प्रदेश में रामचरितमानस को लेकर विवाद चल रहा है। सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। इस विवाद ने प्रदेश में राजनीति की दिशा को ही बदल दिया। इस विवादित बयान को बाद देश भर मे सपा नेता के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गए है तो वहीं अखिल भारतीय पिछड़ा महासभा ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया है। स्वमी के समर्थन में लोगों ने राजधानी में रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई, इस मामले में मौर्य समेत 10 लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार ट्वीट भी कर रहें हैं।
आज स्वमी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया और उन संतो पर निशाना साधा जिन्होंने उनके उपर कहा था कि मौर्य की जबान काटने वाले को 21 लाख का इनाम दिया जाएगा। स्वामी प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “देश की समस्त महिलायें व शूद्र समाज यानि आदिवासी, दलित, पिछड़े, जो सभी हिंदू धर्मावलंबी ही हैं तथा जिनकी कुल आबादी 97% है, को तो अपमानित किया ही जा रहा है। गौमांस खाने वालों को हिंदू बनाकर उन्हें भी अपमानित करने का इरादा है क्या? बोलो, बोलो हसबोले जी।”
देश की समस्त महिलायें व शूद्र समाज यानि आदिवासी, दलित, पिछड़े, जो सभी हिंदू धर्मावलंबी ही हैं तथा जिनकी कुल आबादी 97% है, को तो अपमानित किया ही जा रहा है। गौमांस खाने वालों को हिंदू बनाकर उन्हें भी अपमानित करने का इरादा है क्या? बोलो, बोलो हसबोले जी।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 3, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है। उनका कहना है कि वो पिछड़ो की बात कर रहें है साथ ही वो धर्म के नाम पर हो रहे पिछड़ों और दलितों के अपमान को बरदास्त नहीं करेंगे। स्वामी प्रसाद का कहना है कि वो अपने बयान पर कायम हैं। गौर हो कि रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया था। उनका कहना था कि इसे सरकार बैन करे। वहीं उन्होंने कहा कि वो राम श्रीराम का अपमान कर रहें है ना ही वो रामचरितमानस का अपमान कर रहें है वो कुछ लाइन को सही नही मानते हैं।
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