बजरंग बली: (Unique lying Hanuman ji’s temple) आज हम आपको लेकर चलते हैं एक ऐसे हनुमान जी के मंदिर में जहां हनुमान जी (बजरंग बली )की मूर्ति लेटी हुई है यानी दक्षिणमुखी है। यहां हर मंगलवार को हजारों की तादाद में लोग आते हैं और अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना करते हैं, बंधन करते हैं और अपनी मुरादे मांगते हैं।
दुनिया भर में हनुमान जी के अनेकों मंदिर है और मंदिर को लेकर लोगो की अनेकों आस्थाएं हैं जिसको लेकर श्रद्धालु अपने इष्ट देव महावीर जी के दर्शन करते हैं तो आज हम आपको लेकर चलते हैं एक ऐसे हनुमान जी के मंदिर में जहां हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई है यानी दक्षिणमुखी है। बता दें इसका संबंध पांडवों के अज्ञात वास के समय से है।
बताया जाता है अज्ञातवास के दौरान इटावा के चकरनगर मैं दैत्य कीचक का वध कर के पांडव जब आगे बढ़े तो इटावा शहर के पास पिलुआ पेड़ के नीचे हनुमान जी विराजमान थे जिन्होंने उस समय ये सोचा कि अब तो पांडवों को अहम आ गया है तो हनुमान जी ने अपनी पूंछ बड़ी कर ली। उसके बाद पांडवों ने हनुमान जी को प्रणाम किया। जिसे देख कर हनुमान जी खुश हुए और उन्होंने पांडवों को आशीर्वाद दिया तब से ये मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना। इसके अलावा इस मंदिर की ये भी खासियत है यहां अभिमान के साथ जो भी आता है उसका अपमान टूटता है।
इस लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति में हनुमान जी का मुंह खुला रहता है जिसका पेट भरने के लिए लोग लड्डू चढ़ाते हैं। भवानी का लड्डू जिस से भगवान का पेट नहीं भरता बल्कि भक्तों का पेट भरता है। क्योकि भक्त जो लड्डू चढ़ाते हैं वो लड्डू हनुमान जी मूर्ति के अंदर समा जाता है। यहां हर मंगलवार को हजारों की तादाद में लोग आते हैं और अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना करते हैं, बंधन करते हैं और अपनी मुरादे मांगते हैं। बता दें कि इटावा शहर से 10 किलोमीटर दूरी पर आगरा रोड पर ये मंदिर है जहां लोगों का आने का सिलसिला लगातार बना रहता है। बूढ़े, बच्चे या जवान सभी सच्चे मन से यहां आते हैं।