UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगुवाई वाली बीजेपी (BJP) सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिये विधानसभा में छह लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया। जिसके बाद राज्य के विपक्षी दलों ने इस बजट को दिशाहीन वाला बजट बताया। सबसे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने कहा था कि “ये बजय दिशाहीन बजट दिखाई देता है. मुझे लगता है कि ये सरकार 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बना पाएगी. यहां इज यफ डूइंग क्राइम है, इज ऑफ डूइंग मुकदमा है. राज्य में गाने पर मुकदमा हो रहा है. इसमें जातीय जनगणना के लिए कोई बजट नहीं है।” अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Aazad) की भी प्रतिक्रिया आ गई है।
खबर में खास:
- गरीब को महंगाई से मुक्ति, बेरोजगारों के लिए रोजगार देने वाला नहीं है बजट
- सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र नहीं हो सकता मजबूत
गरीब को महंगाई से मुक्ति, बेरोजगारों के लिए रोजगार देने वाला नहीं है बजट
भीम आर्मी चीफ ट्वीट करते हुए कहा कि, “एक ट्रिलियन डॉलर इकोनोमी का सपना दिखाने वाली योगी सरकार का बजट कोई उम्मीद नहीं पैदा करता। मध्यवर्ग और गरीब को महंगाई से मुक्ति का कोई विजन नहीं। नौजवानों के लिए शिक्षा और रोजगार के नए अवसर सृजित करने का कोई उपाय नहीं। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कोई नया प्रावधान नहीं!”
सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र नहीं हो सकता मजबूत
चंद्रशेखर आजाद ने अपने एक और ट्वीट में कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण का कोई जिक्र तक नहीं जबकि बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता। यूपी सरकार का दृष्टिकोण समता और न्याय की जगह सत्ता और अन्याय पर आधारित है।