हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में की गई आरक्षण प्रणाली को खारिज किया। इसके बाद से चनयनित शिक्षक राजधानी में धरने पर बैठ गए वहीं वंचितों ने कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। इस पूरे प्रकरण में सरकार ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा था वहीं कोर्ट ने सरी दलीले सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। अब भर्ती को लेकर विपक्ष सरकरा पर हमलावर है। सपा प्रमुख ने सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया और कहा कि सहायक शिक्षक भर्ती पर कोर्ट का फैसला सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विट करते हुए इस मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ” 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फ़ैसला, आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है। भाजपा दलित-पिछड़ों का हक़ मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फँसाती है। जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने इस मामले में सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ है, हजारों अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल सकी है। अभ्यर्थियो ने समय समय पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि मांग पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में वाद भी अभ्यर्थियों ने दाखिल किया।आयोग ने भी माना कि नियुक्ति में आरक्षण का पालन नहीं किया गया,सरकार ने दलित,पिछड़ो के साथ धोखा किया। पटेल ने कहा कि जो फैसला आया वो सरकार की लचर पैरवी का नतीजा है,अभी तक 6800 अभ्यर्थियो को नियुक्ति नहीं मिली-पटेल,सपा अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है।
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