Uttar News: विश्व शांति के लिए बौद्ध तीर्थ स्थलों का पैदल यात्रा कर रहे साउथ कोरिया(South Korea) से निकले बौद्ध भिक्षुओं(Buddhist monks) का दल आज यूपी के सिद्धार्थनगर(Siddharthnagar) जिले में पहुंचा। ककरहवा के रास्ते भारत नेपाल के ककरहवा बॉर्डर से भारत सीमा में प्रवेश करते ही सिद्धार्थनगर जिले के जिला अधिकारी संजीव रंजन, पुलिस कप्तान अमित कुमार आनंद और मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार सहित अन्य उच्च अधिकारियों ने इन बौद्ध भिक्षुओं का स्वागत किया।
खबर में खास:
- 9 फरवरी से 23 मार्च तक की है ये पदयात्रा
- यात्रा का मकसद विश्व में शांति स्थापित करना, भारत-कोरिया संबंध बढ़ाना
- भारत सरकार और प्रदेश सरकार ने रखा ख्याल-यात्रा पर निकले बौद्ध भिक्षु
9 फरवरी से 23 मार्च तक की है ये पदयात्रा
साउथ कोरिया से 108 बौद्ध भिक्षुओं का यह दल 9 फरवरी से 23 मार्च तक पदयात्रा पर निकला है। इस दल ने अपनी यात्रा की शुरुआत 29 फरवरी को सारनाथ से शुरू किया था और राजगीर , कुशीनगर होते हुए यह सुनौली के रास्ते मंगलवार को नेपाल में गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी पहुंचा और बुधवार की भोर में लुंबिनी से पैदल चलते हुए ककरहवा के रास्ते भारत में प्रवेश किया। यहां पर जिले के अधिकारियों ने भारत में प्रवेश करते ही यहां पर मोबाइल इमीग्रेशन की व्यवस्था पहले से की हुई थी ताकि बौद्ध भिक्षु की यह यात्रा सुगम हो।
यात्रा का मकसद विश्व में शांति स्थापित करना, भारत-कोरिया संबंध बढ़ाना
बौद्ध भिक्षु का यह दल सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु स्तूप और गनवरिया राजा प्रसाद तक पहुंचा वहां पर इन लोगों ने घंटों ध्यान किया और सिद्धार्थनगर जिले में बन रहे विभिन्न बौद्ध से संबंधित स्थलों का दौरा किया। अपनी इस यात्रा के बारे में इस दल की अगुवाई कर रहे छंग हो सुनिम ने द्विभाषी के माध्यम से बताया कि उनके इस यात्रा का मकसद पूरे विश्व में शांति स्थापित करना है यहां पर उन्होंने भारत और साउथ कोरिया के संबंध को और बेहतर बनाने के लिए भी प्रार्थना की ।
भारत सरकार और प्रदेश सरकार ने रखा ख्याल-यात्रा पर निकले बौद्ध भिक्षु
उन्होंने कहा कि भारत की सेंट्रल और प्रदेश सरकार ने 43 दिन की इस यात्रा में उनका और उनके साथियों का बहुत ही ज्यादा ख्याल रखा उन्हें हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई इसके लिए उन्होंने भारत सरकार और प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जगह-जगह भारतीय लोगों ने तालियां और फूल की वर्षा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया जिससे वह बहुत ही खुश हैं और यहां के लोगों के प्रति उनकी इज्जत और बढ़ गई है।