Strike of Electricity Workers in UP: जिस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल कर रखी है। उसका असर अब धीरे-धीरे आम जनता पर देखने को मिल रहा है। अधिकतर पावर हाउस को बिजली कर्मचारी छोड़कर धरने पर बैठ गए हैं। हालांकि इन पावर हाउसों पर पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिकोण को देखते हुए तैनात कर दिया गया है।
वहीं कई फीडर बंद होने की वजह से लोग बिजली ना आने से परेशान हैं। साथ ही साथ उपभोक्ता भी जो बिजली का बिल जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्हें भी वापस घर लौटना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ हाल राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज ओल्ड पावर हाउस में देखने को मिला। हालांकि यहां के आसपास के सभी पावर हाउसों की सुरक्षा व्यवस्था की कमान पुलिस को दे दी गई है। पावर हाउस पर बिजली कर्मचारी नदारद है। वहीं अब देखना होगा कि आखिर जिस तरह से बिजली कर्मचारी पूरे प्रदेश में हड़ताल पर बैठे हुए हैं ऐसे में सरकार इन्हें किस तरह से समझा पाती है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। गुरुवार रात से पूरे राज्य में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने कहा है कि अगर हमारे किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। वहीं, मंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में रुकावट पैदा करनेवाले और लोगों की सुविधाओं में अड़चनें पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
आंदोलन करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि जो समझौता हुआ था। उसे लागू भी करना चाहिए। अगर समझौते का पालन नहीं होगा तो प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा। हमारी नाराजगी किसी से भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एक लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे देश के 27 लाख कर्मियों के संगठन भी हमारे समर्थन में आए हैं। कर्मचारी संगठन का कहना है कि गुरुवार की मीटिंग में भी प्रबंधन के लोग नहीं आए। पावर कॉरपोरेशन के व्यवहार के कारण हम हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए। हम किसी से भी बात करने को तैयार हैं।