(Government trying to improve the health system, Deputy CM inaugurated online centers for hemophilia) उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में लगातार सरकार (government) प्रयासरत है इसी क्रम में प्रदेश भर में हीमोफीलिया के ऑनलाइन 26 सेंटर्स का आज एसजीपीजीआई से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM) द्वारा शुभारंभ किया गया।
खबर में खास:
जानकारी देते हुए एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि प्रदेश भर में 5000 से अधिक हीमोफीलिया के मरीज हैं। जिनके इलाज में दवाइयों का खर्च हजारों से ऊपर चला जाता है।
वही गरीब व्यक्ति इलाज ना मिल पाने के कारण अपनी जान भी गवा देता है। ऐसे में हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को राहत देने के लिए प्रदेश भर में 26 ऑनलाइन सेंटर्स का उद्घाटन किया गया।इस वेबसाइट के जरिए लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।
हीमोफीलिया आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ कहा जाता है। इस फैक्टर की विशेषता यह है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकता है।
इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या भारत में कम है। इस रोग में रोगी के शरीर के किसी भाग में जरा सी चोट लग जाने पर बहुत अधिक मात्रा में खून का निकलना आरंभ हो जाता है। इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। पीड़ित रोगियों से पूछताछ करने पर बहुधा पता चलता है कि इस प्रकार की बीमारी घर के अन्य पुरुषों को भी होती है। इस प्रकार यह बीमारी पीढ़ियों तक चलती रहती है।
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