इंडिया न्यूज: (Unseasonal rain became a disaster): उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रविवार के बाद सोमवार को भी बारिश हुई। कहीं मूसलाधार तो कहीं रिमझिम बारिश हो रही है। वहीं कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने तो तबाही मचा रखी है। गेहूं, चना और सरसों के अलावा कई फसलों का भारी नुकसान हुआ है। वहीं इससे कटने को तैयार फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है।
कुछ दिनों से हो रहे लगातार बेमौसम बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया हैं। अगर किसी को इस बारिश से नुकसान हो रहा हैं, तो वो देश के किसान हैं। जिनके लिए यह यह बारिश काल बनकर आई है। फरवरी में ही भीषण गर्मी के चलते गेहूं की फसल खराब होने से चिंतित किसानों को अब मार्च की ये बारिश रुला रही है।
बता दें कि इस वक्त गेहूं प्रमुख रबी फसल है और कुछ राज्यों में तो इसकी कटाई भी शुरू हो चुकी हैं रबी की अन्य फसलों के साथ सरसों, चना, मसूर जैसे फसलों को बीन मौसम बरसात की वजह से किसानों की फासलो को नुकसान कर के रख दिया हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर सोमवार को कहा था कि, सरसों और चने की फसल को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है। क्योंकि ज्यादातर फसल की कटाई हो चुकी है। केला और आलू जैसी फसलें ओले गिरने से कुछ प्रभावित हुई होंगी।
सरकार का अनुमान है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रह सकता है। मौसम विज्ञान विभाग ने इस बीच झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को फसल कटाई रोकने की सलाह दी है।