यूपी के सहारनपुर के अंदर बेहट में प्रशासन के तरफ से श्मशान की जमीन तक जेसीबी से रास्ता बनाने के बाद ही डूडू माजरा के गांव वालों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गए। सुबह के समय से ही नायब तहसीलदार जेसीबी से रास्ता खोदने का कार्य कर रहे थे। दोपहर के समय ठीक 34 घंटे बाद मृतक शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक का नाम कर्म सिंह है।
नायब तहसीलदार अनिल कुमार राजस्व टीम एवं फोर्स को लेकर बीते दिन सुबह ही डूडू माजरा मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने जाकर जेसीबी को बुलाया श्मशान की जमीन तक रास्ता बनाने का कार्य शुरू करवाया। दोपहर में रास्ता बनकर तैयार होने के बाद ग्रामीण मृतक कर्म सिंह के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिसके बाद गांव वालों ने प्रशासन के द्वारा बनाए गए रास्ते से अर्थी ले गए औऱ शमशान की उसी जमीन पर अंतिम संस्कार किया। जिस जमीन पर अवैध खनन हो रखा है।
जानकारी दें कि बीते दिन गांव के कर्म सिंह की बीमारी से अचानक मौत हो गई थी। जहां परिवार वालों और ग्रामीणों ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया। शव को घर से निकलने ही नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि 15 साल पूर्व एक स्टोन क्रशर मालिक ने उनके श्मशान की जमीन के अंदर अवैध खनन किया गया। उसके बाद श्मशान जाने वाले रास्ते को भी खुोद कर बर्बाद कर दिया।
इस घटना के बाद न तो उनके पास शव का अंतिम संस्कार करने के लिए जमीन थी। और न ही वहां तक जाने का रास्ता था। जब भी गांव में किसी की मौत हो जाती थी। वहीं प्रशासनिक अधिकारी हर बार समस्या के समाधान के बारे में बोलकर आश्वासन दे दिया करते थे। वहीं दूसरी जगह अंतिम संस्कार करवाकर चले जाते थे। पिछले 15 वर्ष से हमेशा उनके साथ यहीं हो रहा था। इस बार ग्रामीण समस्या का समाधान चाहतेे थे। भूमि तक रास्ता बनवाने के बाद ही ग्रामीण अंतिम संस्कार को राजी हुए थे।