Politics: बसपा सुप्रीमों मायावती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा बहुजन समाज पार्टी कर्नाटक में होने वाले आम विधानसभा के चुनाव में हिस्सा लेगी। वहीं उन्होंने साफ किया कि बीएसपी किसी भी राजनीतिक दल के गठबंधन नहीं करेगी। इस बाबत उन्होंने ट्वीट किया। राज्य में साल के अंत में आम विधान सभा चुनाव होने को हैं। इसको लेकर तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं।मायावती ने कहा कि बीएसपी कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में अकेले सहभागिता करेगी।
मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीएसपी कर्नाटक में अकेले चुनाव लड़ेगी। वहीं यहां पर किसी से भी कोई गठबंधन करने की योजना नहीं है। बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “कर्नाटक राज्य में विधानसभा के लिए शीघ्र ही होनेे वाले आमचुनाव में बीएसपी अकेले ही अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी, जिसकी तैयारी के सम्बंध में राज्य के वरिष्ठ व जिम्मेदार लोगों के साथ दिल्ली में आज हुई अहम बैठक में लगभग 60 प्रतिशत उम्मीदवारों के नामों को अन्तिम रूप दे दिया गया।”
1. कर्नाटक राज्य में विधानसभा के लिए शीघ्र ही होनेे वाले आमचुनाव में बीएसपी अकेले ही अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी, जिसकी तैयारी के सम्बंध में राज्य के वरिष्ठ व जिम्मेदार लोगों के साथ दिल्ली में आज हुई अहम बैठक में लगभग 60 प्रतिशत उम्मीदवारों के नामों को अन्तिम रूप दे दिया गया।
— Mayawati (@Mayawati) March 27, 2023
उन्होंने आगे लिखा कि “इन चयनित बीएसपी उम्मीदवारों की सूची शीघ्र ही वहाँ स्थानीय स्तर पर जारी की जाएगी। साथ ही, प्रदेश यूनिट को सख़्त हिदायत दी गई है कि बाकी बची विधानसभा सीटों पर भी ज्यादातर पार्टी के समर्पित व कर्मठ कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाएं व चुनाव मैदान में उतारें।”
2. इन चयनित बीएसपी उम्मीदवारों की सूची शीघ्र ही वहाँ स्थानीय स्तर पर जारी की जाएगी। साथ ही, प्रदेश यूनिट को सख़्त हिदायत दी गई है कि बाकी बची विधानसभा सीटों पर भी ज्यादातर पार्टी के समर्पित व कर्मठ कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाएं व चुनाव मैदान में उतारें।
— Mayawati (@Mayawati) March 27, 2023
बीएसपी प्रमुख मायावती ने बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने पर हमला बोला था। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “यूपी में बीजेपी की डबल इंजन सरकार के 6 साल पूरे होने को लेकर महंगे व खर्चीले प्रसार-प्रचार के माध्यम से जो बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं उनका जमीनी हकीकत से अगर सही का वास्ता होता तो उचित होता। लेकिन ऐसा नहीं होने से करोड़ों गरीब व पिछड़ी जनता में उत्साह कम व मायूसी ज्यादा। चाहे विकास, रोजगार, कानून का राज या एक ज़िला-एक मेडिकल कालेज आदि का मामला हो, इनको लेकर सरकार द्वारा ’यूपी खुशहाल’ का किया जा रहा दावा अधिकतर कागजी व हवाहवाई ही हैं। सरकार राजनीतिक व जातिवादी द्वेष एवं साम्प्रदायिक रवैयों आदि को त्यागकर वास्तविक जनहित व जनकल्याण पर ध्यान दे।”
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