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Nainital News: वन विभाग के मुखिया हॉफ मामले में HC का बड़ा फैसला, सरकार को दिए ये आदेश

• LAST UPDATED : April 3, 2023

इंडिया न्यूज: (HC’s big decision in Forest Department chief Hof’s case) राजीव भरतरी को वन मुखिया के पद से हटाए जाने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले राजीव भरतरी को आखिरकार हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को राजीव भरतरी को मंगलवार सुबह 10:00 बजे वन मुखिया का चार्ज देने के निर्देश दे दिए हैं।

खबर में खास:-

  • राजीव भरतरी को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
  • मंगलवार सुबह 10:00 बजे वन मुखिया का चार्ज देने के निर्देश दे दिए
  • पुनर्विचार याचिका कैट ने 22 मार्च को खारिज कर दी थी
  • राजीव भरतरी ने कैट की अदालत में चुनौती दी
  • उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया- राजीव

पुनर्विचार याचिका कैट ने 22 मार्च को खारिज कर दी थी

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी को कल 4 अप्रैल की सुबह 10 बजे राज्य के प्रमुख वन संरक्षक का पदभार सौंपने के आदेश सरकार को दिए हैं । मामले की सुनवाई  मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई । वर्तमान प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल की पुनर्विचार याचिका कैट ने 22 मार्च को खारिज कर दी थी ।कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रमुख वन संरक्षक का चार्ज न देने पर राजीव भरतरी ने मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में याचिका दायर की थी ।

राजीव भरतरी ने कैट की अदालत में चुनौती दी

मामले के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों के कटान की जांच कर रहे प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी का तबादला जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया गया था ।  इस आदेश को राजीव भरतरी ने कैट की अदालत में चुनौती दी। कैट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें तत्काल बहाल करने के आदेश राज्य सरकार को दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश होने के बाद भी उनकी बहाली नहीं हुई।  विनोद सिंघल अभी तक उस पद पर बने हुए है। आईएफएस राजीव भरतरी ने याचिका में कहा है कि विनोद सिंघल को हटाया जाए और उनको नियुक्त किया जाए और अब कैट के आदेश के बाद विनोद सिंघल किस अधिकार से पद पर बने हैं। इस आदेश के खिलाफ विनोद सिंघल कैट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी वह भी 22 मार्च को खारिज हो गई थी ।

उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया- राजीव

आई. एफ. एस.(I.F. S.) अधिकारी राजीव भरतरी ने अपनी याचिका में कहा है कि वे राज्य के सबसे वरिष्ठ भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं । किंतु सरकार ने 25 नवम्बर 2021 को उनका स्थान्तरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था। जिसको उन्होंने  संविधान के खिलाफ माना।  इस सम्बंध में उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए । लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की । राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया है जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है ।

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