UP Nikay Chunav 2023: मौजूदा समय में प्रदेश में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव को वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में इस निकाय चुनाव में यहां प्रदेश के दो मंत्रियों, तीन सांसदों एवं पांच विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
मंत्रियों और पांच विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर
बता दें कि इस जिले से जुड़े तीन संसदीय क्षेत्रों एवं सात विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। जिसमें पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक सूर्यप्रताप शाही प्रदेश सरकार में कैबिनेट एवं सलेमपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक श्रीमती विजयलक्ष्मी गौतम प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं। जबकि रूद्रपुर से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक जयप्रकाश निषाद, देवरिया सदर से शलभ मणि त्रिपाठी, रामपुर कारखाना से सुरेन्द्र चौरसिया, भाटपाररानी से सभाकुंवर एवं बरहज से दीपक मिश्र प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायक हैं। यही नहीं देवरिया सदर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से रविन्द्र कुशवाहा एवं जिले के रुद्रपुर व बरहज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बांसगांव (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र के सांसद कमलेश पासवान भाजपा के सांसद हैं।
सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा समेत 2 और सांसदों की साख दांव पर
दलीय आधार पर हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव में जिले के दो नगर पालिका परिषदों एवं 15 नगर पंचायतों के अध्यक्ष व सभासद पद पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में इन सभी सीटों पर भाजपा का परचम लहराने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार में मंत्री बने जिले के पथरदेवा के विधायक सूर्य प्रताप शाही व सलमेपुर की विधायक श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम के अलावा तीन सांसदों देवरिया सदर के सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा व बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान, रूद्रपुर के विधायक और पूर्व मंत्री जयप्रकाश निषाद, देवरिया सदर के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, रामपुर कारखाना के विधायक सुरेन्द्र चौरसिया, भाटपाररानी के विधायक सभाकुंवर कुशवाह्य एवं बरहज के विधायक दीपक मिश्र उर्फ शाका के कंधों पर भी है।
पार्टी जीतने के लिए लगा रही है एड़ी चोटी को जोर
लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व बेहतर प्रदर्शन करने पर पूरा जोर लगा रहा है ताकि लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में अच्छा माहौल बन सके। ऐसे में भाजपा के इन सभी जनप्रतिनिधियों की प्रतिष्ठा स्थानीय निकाय चुनाव में दांव पर लगी हुई है।
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