INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़ ), लखनऊ : एसआईटी माफिया अतीक अहमद और भाई अशरफ की हत्या के मामले में जांच में जुटी है।
एसआईटी की टीम आरोपी शूटरों से पूछताछ कर रही है। शूटरों से कस्टडी रिमांड के पहले दिन दो राउंड में पूछताछ हुई।
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के शूटरों से कस्टडी रिमांड के पहले दिन (बुधवार को) दो राउंड में पूछताछ हुई। हत्या की वजह पूछने पर उन्होंने फिर अपना पुराना बयान दोहराया कि “वह नाम कमाना चाहते थे।”
हालांकि जब उनसे स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) अफसरों ने पूछा कि वह किसी और को भी चुन सकते थे और उन्होंने अतीक व अशरफ को ही क्यों चुना है। जिसपर तीनों ने कोई जवाब नहीं दिया।
एसआईटी ने कोर्ट के आदेश के बाद दोपहर दो बजे के करीब तीनों शूटरों सनी सिंह, लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य को अपनी अभिरक्षा में ले लिया। इसके बाद उन्हें मेडिकल के लिए बेली अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद क्राइम ब्रांच दफ्तर में ले जाकर पूछताछ किया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने शूटरों से सबसे पहले हत्या का वजह पूछा था। जिसमे पूछा कि आखिर उन्होंने इस हत्याकांड को क्यों अंजाम दिया। इस पर शूटरों ने एक बार फिर वही बयान दिया कि वह चाहते थे कि जरायम की दुनिया में उनका नाम हो जाए।
जब अफसरों ने पूछा कि इसके लिए अतीक-अशरफ को ही क्यों चुना? वह किसी और को भी निशाना बना सकते थे तो तीनों ने इसका जवाब देने से इंकार कर दिया।
– तुम लोगों के मोबाइल फोन कहां हैं? मोबाइल नहीं है तो आपस में कैसे संपर्क करते थे?
– प्रयागराज कब आए और कहां ठिकाना बनाया? इसमें किसने मदद की?
– तीनों पहली बार कब और कहां मिले?
– अतीक-अशरफ के अस्पताल लाए जाने की खबर कैसे मिली?
– घटनास्थल तक कैसे, कितनी देर पहले पहुंचे?
– वीडियो कैमरा व माइक आईडी कहां से लाए?
– इससे पहले कभी प्रयागराज आए थे?
– अतीक-अशरफ को मारने के लिए घटनास्थल के रूप में अस्पताल ही क्यों चुना?
– वारदात की प्लानिंग कब और कहां हुई?
– तीनों के अलावा भी कोई शामिल है साजिश में?
– कस्टडी रिमांड में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद क्यों लिया इतना बड़ा खतरा?
– पुलिस जवाबी फायरिंग करती तो मारे जाते, क्या कभी डर नहीं लगा?
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