India News (इंडिया न्यूज), UP Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव हो रहे हैं। निकाय चुनाव के लिए प्रदेश में दो चरणों में होंगे। पहले चरण का वोट 4 मई तो वहीं दूसरे चरण का वोट 11 मई को डाला जाएगा। ऐसे में बीजेपी अभी से निकाय चुनाव के सहारे लोकसभा फतह करने की तैयारी में है। यही कारण है कि बीजेपी ने शहरी निकाय चुनाव को रण के तौर पर माना है। इस निकाय चुनाव में सीएम योगी खुद मोर्चा संभाल रहे हैं। वो विभिन्न निकायों में जाकर प्रचार कर रहे हैं। लेकिन अन्य दलों में कोई खास तैयारी नहीं देखी जा रही है। यही कारण है कि राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी को फायदा होते दिख रहा है।
दरअसल विश्लेषको ने कहा कि बीजेपी जिस तरीके से धुंआधार प्रचार कर रही उससे स्पष्ट है कि अन्य राजनीतिक दलों में कोई खास तैयारी नहीं है। बीजेपी ने इस चुनाव को अपने ओर करने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं मायावती और कांग्रेस की ओर से भी कुछ खास तैयारी नहीं देखी जा रही थी।
भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर ली है। यही कारण है कि बीजेपी रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। यूपी में हो रहे निकाय चुनाव आने वाले साल में होने वाले लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमी तय करेंगे। ऐसे में बीजेपी किसी प्रकार की रिस्क नहीं लेनी चाहती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी ने अपनी पूरी टीम को प्रचार में उतार दिया है। सरकार और संगठन की तरफ सभी लोग मैदान में बाजी जीतने के लिए पूरे दमखम से उतर रहे हैं।
निकाय चुनाव हो या फिर दो सीटों पर हो रहे उप चुनाव हो। किसी भी चुनाव में प्रचार अभियान के लिए सपा प्रमुख मैदान में वही जा रहे हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव कोई खास रुचि नहीं ले रहें हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि वो सीधे लोक सभा के चुनाव में उतरेंगे। हालांकि अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए एक कार्यक्रम में ओपी राजभर ने कहा था कि वो एसी कमरों से बाहर इसलिए नहीं आ रहे हैं क्यों कि उन्हें पता है कि वो जीत नहीं पाएंगे। उधर बीजेपी लगातार प्रचार अभियान में जुटी है।
मायावती ने अपने उम्मीदवार तो उतारा है लेकिन मायावती की कोई खात तैयारी नहीं दिख रही है। वहीं वो भी कोई भी विशेष अभियान नहीं चला रही हैं। बीएसपी की स्थिति प्रदेश में वैसे भी कुछ खास नहीं है। 2022 के विधान सभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर ही जीत पाई थी। वहीं बीएसपी का कहना है कि वो बीजेपी को बुरी तरीके से हराएगी।
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