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UP Nikay Chunav News: यूपी निकाय चुनाव में दिखा “आया राम, गया राम” वाला फॉर्मूला, एक दिन पहले BJP में दिखे, दूसरे दिन मार लिया यू टर्न, जानें पूरी खबर

• LAST UPDATED : May 3, 2023

India News (इंडिया न्यूज),UP Nikay Chunav News: नोएडा निकाय चुनाव में नौ दिनों का समय बचा हुआ है तो वहीं राजनीतिक घटनाक्रम में हर रोज कुच न कुछ घटित होता हुआ दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने के समीकरण बदलने का सिलसिला अभी भी जारी है। वहीं, मंगलवार को जेवर नगर पंचायत में उस समय अजीब स्थिति बन गई जब सोमवार को बीजेपी की टोपी में दिखे कांग्रेस प्रत्याशी दोबारा मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। हालांकि कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता हमारे प्रत्याशी को जबरदस्ती उठाकर ले गए और उन्हें वहां पर बीजेपी में शामिल करने के लिए भगवा टोपी पहना दी थी तो वहीं, बीजेपी नेताओं ने इसके जवाब में कहा कि वह अपनी मर्जी से शामिल होने आए थे।

टफ लड़ाई क्या इसीलिए भाजपा जॉइन कराई?

जो जानकारी इंडिया न्यज़ के पास आई है। उसके मुताबिक बीजेपी के सामने जेवर सीट पर एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। बस इसी के चलते रातों रात कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को बीजेपी में शामिल कर लिया गया। गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने इसके बारे में घोषणा की और फूल माला पहनाकर कांग्रेस प्रत्याशी खुशीराम और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रवि राय को बीजेपी में शामिल करा लिया। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी के साथ क्षेत्र में चुनाव प्रचार के वीडियो और फोटो जारी किए।

कांग्रेस का BJP पर गंभीर आरोप

साथ ही आरोप लगाया कि बीजेपी का काम ही है कि वह लोगों को डरा धमकाकर पार्टी में शामिल कराती है और कराती आईहै। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि वो अपनी मर्जी से शामिल हुए हैं। बता दें कि कांग्रेस केवल दो सीटों दादरी नगर पालिका परिषद और जेवर में नगर निकाय चुनाव लड़ रही है। रबुपुरा और दनकौर में कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया और बिलासपुर व जहांगीरपुर में जिला प्रशासन की समीक्षा के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा कैंसिल हो गया।

“आया राम, गया राम” मुहावरा यहां से आया

आया राम, गया राम फॉर्मूले की शुरूआत 1947 में मानी जाती है। जब संयुक्त प्रांत यानि आज के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को अगर मिला दें तो उसके तत्तकालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने की थी। पंत ने मुस्लिम लीग के कुछ सदस्यों को कांग्रेस में शामिल होने का लालच दिया और मुस्लिम लीग के विधायक हाफिज मुहम्मद इब्राहिम टूटकर पहले दल-बदलू बने। इब्राहिम को इसका इनाम देते हुए मंत्रीमंडल में शामिल किया गया। इसके बाद साल 1967 की बात है जब हरियाणा के पलवल जिले के हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए गया लाल ने तो भारतीय राजनीति में एक अलग ही इतिहास दर्ज कर लिया। दल-बदल के इतिहास इसी कारण “आया राम, गया राम” का मुहावरा भी जुड़ा। गया लाल ने तो एक दिन में इतने दल बदले जितने लोग एक दिन में कपड़े नहीं बदलते।

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