होम / Uttarakhand Mana Village: स्वर्ग से कम नहीं है उत्तराखंड का ये खूबसूरत वादियों से घिरा भारत का आखिरी गांव, अब बना देश का पहला गांव, जानें क्यों

Uttarakhand Mana Village: स्वर्ग से कम नहीं है उत्तराखंड का ये खूबसूरत वादियों से घिरा भारत का आखिरी गांव, अब बना देश का पहला गांव, जानें क्यों

• LAST UPDATED : May 6, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), चमोली “Uttarakhand Mana Village” : उत्तराखंड यूं तो खुद में ही बहुत खूबसूरत है दूर दूर से लोग यहां घूमने आते है। लेकिन आप आजतक उत्तराखंड के एक से एक बढ़कर खूबसूरत जगहों पर घूमे होंगे, लेकिन कभी आपने ऐसी जगह को एक्सप्लोर किया है, जहां से सीधा स्वर्ग का रास्ता दिखता हो या फिर खूबसूरत नजारा आपको मंत्रमुग्ध कर देता हो? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको भारत के उस आखिरी गांव माणा के बारे में जानकारी देते हैं, जिसे देखने के लिए न केवल देसी पर्यटक बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी सबसे ज्यादा देखा जाता है।

चमोली का गांव जिसे माणा गांव के नाम से जाना जाता

उत्तराखंड के चमोली जिले का एक छोटा सा गांव जिसे माणा गांव के नाम से जाना जाता है। पहले इसे भारत का आखिरी गांव कहा जाता था लेकिन अब इसे देश का पहला गांव कहा जाएगा। पीएम मोदी का मानना है कि सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है,अब इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये गांव भारत-तिब्बत सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है। कहा जाता है कि माणा में व्यास और गणेश गुफा भी हैं। मान्यता है कि यही बैठकर वेद व्यास ने गणेश जी को महाभारत बोलकर सुनाई थी, जिसे गणेश जी ने अपने हाथों से लिखा था।आइए जानते हैं क्या है माणा गांव का इतिहास और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है।

भारत-चीन सीमा से लगभग 24 किलोमीटर दूर

भारत-चीन सीमा से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उत्तराखंड का माणा गांव समुद्र तल से 3,219 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अब तक यहां पर्यटकों को ‘इंडियाज लास्ट टी कॉर्नर’ और ‘इंडियाज लास्ट कॉफी एंड टॉफी कॉर्नर’ जैसे साइनबोर्ड नजर आते थे। लेकिन अब ये लास्ट, पहला बन चुका है यानि फर्स्ट कॉफी कॉर्नर या पहला टी कॉर्नर। पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाने यहां पहुंचते हैं।

गांव के आसपास क्या कुछ खास

माणा के आसपास कई देखने लायक जगह मौजूद हैं। यहां सरस्वती और अलकनंदा नदियों का संगम होता है। साथ ही यहां कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं भी हैं, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा होती है। गांव की ऊंचाई समुद्र तल से 18,000 फुट ऊंची है, जहां से वादियों की खूबसूरती देखने लायक है। यह गांव बद्रीनाथ से मात्र तीन किमी दूर है। माणा में आप वेद व्यास की गुफा, भीम पुल, बद्रीनाथ मंदिर और तप्त कुंड घूमने लायक जगह हैं। भीम पुल से थोड़ा आगे पांच किलोमीटर बढ़ने पर आपको वसुधारा मिलेगी। यह एक झरना है जोकि लगभग 400 फीट ऊंचाई से गिरता इस वाटर फॉल का पानी देखने में मोतियों की बौछार सा लगता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पानी की बूंदें पापियों के तन पर नहीं पड़तीं हैं।

माणा गांव से थोड़ा आगे बनें भीम पुल की कहानी बड़ी दिलचस्प है. कहा जाता है कि पांडव अपना राज-पाठ छोड़ कर जब स्वर्ग की ओर जा रहे थे तो वे माणा गांव से होकर गुजरे थे। रास्ते के एक झरने को पार करने के लिए पांडवों में सबसे ताकतवर भाई भीम ने चट्टान फेंक कर पुल बनाया था इसलिए इसे भीम पुल कहा जाता है। बगल में स्थानीय लोगों ने भीम का मंदिर भी बना रखा है।

बजाय देश का पहला गांव

उत्तराखंड का माणा गांव अब देश का पहला गांव बन गया है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस टिप्पणी का समर्थन किया था कि माणा देश का पहला गांव है और हर सीमावर्ती गांव पहला गांव होना चाहिए। 21 अक्टूबर 2022 को माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने मुख्यमंत्री से माणा को भारत का अंतिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा था कि अब तो उनके लिए भी सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है।

Also Read: King Charles: 700 साल पुराना सिंहासन,15 देशों के होंगे राजा, उत्तराखंड भी बनेगा गवाह

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox