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UP के जांबाज मेजर को मिला कीर्ति चक्र, कंधे पर गोली लगने के बाद भी आतंकवादियों से लड़ते रहे, पढ़िए शौर्य गाथा

• LAST UPDATED : May 10, 2023

 India News(इंडिया न्यूज़)Chandauli,UP: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के जांबाज मेजर शुभांग के सीने पर मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उनके कंधे पर कीर्ति चक्र सजा। बस फिर क्या था सारा सदन तालियों की गड़गड़ाहटों से गूंज उठा। बता दें कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभांग को कीर्ति चक्र से नवाजा। शुभांग को कीर्ति चक्र मिलते ही न सिर्फ जिले के लोग बल्कि पूरा प्रदेश खुश है।

शुभांग सहित छह वीरों को कीर्ति चक्र-सात को शौर्य चक्र

दरअसल कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते समय कंधे पर गोली लगने के बाद भी वह लड़ते रहे और आतंकी को ढेर करके उन्होंने साथियों को बचाया था। डोंगरा रेजिमेंट के मेजर शुभांग के कीर्ति चक्र मिलने के बाद जिले भर में हर्ष का माहौल है। गणतंत्र दिवस पर शुभांग सहित छह वीरों को कीर्ति चक्र और सात को शौर्य चक्र देने की घोषणा हुई थी। चंदौली मुख्यालय स्थित कैली के निवासी विमलेंदु राय और सुधा राय के इकलौते पुत्र मेजर शुभांग की शिक्षा प्रयागराज में हुई।

शुभांग के शौर्य की कहानी

एनडीए पास करके मेजर बने। अप्रैल 2022 में जब सेना को बड़गाम के एक गांव में आतंकवादियों के छुपने की खबर मिली तो मेजर शुभांग की अगुवाई में 62 राष्ट्रीय राइफल्स की टीम मौके पर पहुंची। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकी गोलियां चलने लगे। उनके बाएं कंधे पर गोली लगी। इसके बवजूद उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया। उनके भय ने एक आतंकी को पास के एक घर छुप गया। उसको सेना मार गिराया। शुभांग के चाचा चंचल राय ने बताया कि वे राष्ट्रपति भवन में के जब शुभांग को कीर्ति चक्र मिला। उनकी खुशी से आंखें डबडबा गई।

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