इंडिया न्यूज, कानपुर।
The Miracle of Stem Cell Therapy : स्टेम सेल थेरेपी का चमत्कारिक असर दिखने लगा है। एक महीने पहले कैंट के रहने वाले आटिज्म पीड़ित तीन साल के बच्चे को स्टेम सेल थेरेपी दी गई थी। यह बच्चा मूक रहा है। इसे एक महीने स्पीच थेरेपी भी दी गई। मंगलवार को उसे फॉलोअप में बुलाया गया और उसकी मां से जब विशेषज्ञ डॉ. बीएस राजपूत और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने थेरेपी का असर पूछा तो मां खुशी के मारे फूली न समाईं, बोलीं कि बच्चे ने पहली बार मुंह से पापा बोला है। प्रतिक्रियाएं भी देने लगा है।
इस बच्चे के अलावा दर्शन पुरवा के सेरिब्रल पैल्सी विद सीजर डिसआर्डर के रोगी की जिंदगी में भी बदलाव आया है। रोगी की मां ने बताया कि बच्चे को लगातार दौरे पड़ते थे। वह लेटा रहता था। कई बार बेड से नीचे गिर गया। उसका इलाज शहर के कई विशेषज्ञों से कराया गया लेकिन असर नहीं हुआ। उसकी मां का कहना है कि उसने सारी उम्मीद ही छोड़ दी थी। बताया कि बच्चे को दो महीने पहले स्टेम सेल थेरेपी दी गई थी। थेरेपी का असर 10 दिन बाद आ गया।
बच्चे के दौरे पूरी तरह से रुक गए हैं। इसके साथ ही वह मां को पहचानने लगा है और प्रतिक्रिया भी देने लगा है। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि जब उसे स्टेम सेल थेरेपी दी जा रही थी, उस वक्त भी उसे टेबल पर दौरे आए थे। बच्चा अब ठीक है। हैलट में मंगलवार को तीन और रोगियों को स्टेम सेल थेरेपी दी गई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज रिजनरेटिव मेडिसिन विभाग के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. बीएस राजपूत ने थेरेपी दी। आनुवांशिक मांसपेशियों की कमजोरी के 16 साल के रोगी को थेरेपी दी गई।
(The Miracle of Stem Cell Therapy)
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