India News(इंडिया न्यूज़), हरिद्वार “Haridwar News” : हरिद्वार में चल रहे विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदशक मंडल की बैठक में समलैंगिक विवाह और धर्मांतरण का मुद्दा इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। मामले में संतों और पदाधिकारियों ने साफ कहा कि समलैंगिक विवाह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। अगर इस पर कानून को मान्यता मिलती है, तो संसद को निर्णय को पलटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हरिद्वार में चल रही विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में कई सामाजिक और धार्मिक विषयों पर मंथन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में मौजूद विहिप के पदाधिकारी और साधु संत समाज में बढ़ती समलैंगिकता, लिव इन रिलेशनशिप और मठ मंदिरों पर सरकार के नियंत्रण जैसे विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। बैठक के दूसरे सेशन में मठ मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण को लेकर चर्चा हुई। मीटिंग में चर्चा के दौरान साधु संतों ने एकमत ने कहा कि मठ मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए।
मंदिरों पर आने वाला दान और चढ़ावा धर्म के प्रचार प्रसार में लगाया जाना चाहिए। इसलिए जिन भी मठ मंदिरों का सरकार ने अधिग्रहण किया है उनको वापस किया जाना चाहिए। साथ ही बैठक में वक्फ बोर्ड की बेतहाशा संपत्ति को लेकर भी चर्चा हुई। संतों का कहना है कि वक्फ बोर्ड नियमों के विपरीत संपत्तियों पर कब्जा करता है सरकार को वक्फ बोर्ड से जुड़े नियमों को निरस्त कर देना चाहिए।
बैठक में संतों द्वारा देशभर में बढ़ते धर्मांतरण मामलों को लेकर चिंता जताई गई है। संतों का कहना है कि धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकारों को प्रभावी कानून बनाने चाहिए। इसके साथ ही दिवाली से 15 दिन पहले देशभर में धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर अभियान चलाया जाएगा। अभियान में सभी प्रमुख संत प्रतिभाग करेंगे। संतों ने वेब सीरीज और सोशल मीडिया पर परोसी जा रही अश्लीलता पर भी जमकर रोष जताया। उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रांतियों का तार्किक ढंग से विरोध करने पर जोर दिया। बैठक में 350 संतों और 70 साध्वी धर्माचार्याें ने प्रतिभाग किया।
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