India News (इंडिया न्यूज़) Shaista Parveen प्रयागराज : शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) तक पहुंचने के लिए पुलिस अब मुस्लिम धर्मगुरुओं के संपर्क में है। इन धर्मगुरुओं के सहारे पुलिस उस थ्योरी को समझने की कोशिश कर रही है।
जो किसी भी मुस्लिम महिला के पति का इंतकाल हो जाने के बाद इस्लाम में शरियत के मुताबिक पूरी की जाती हैं और कौन सी जगह इसके लिए सबसे ज्यादा मुफीद हो सकती है।
- क्या रीति- रिवाजों को पूरा करने आएगी शाइस्ता
- कुरानख्वानी करना जरुरी
क्या रीति- रिवाजों को पूरा करने आएगी शाइस्ता
अतीक की हत्या के बाद से ही लापता शाइस्ता परवीन पुलिस और एसटीएफ के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। पुलिस वो सभी तरीके आजमा कर देख चुकी है, जो किसी भी अपराधी तक पहुंचने के लिए अपनाए जाते है।
फिर चाहे वो इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस ही क्यों ना हो, इस मामले से जुड़े पुलिस अधिकारियों और जानकारों का मानना है कि शाइस्ता इस्लाम में शरियत के मुताबिक पति के इंतकाल के बाद किए जाने वाले धार्मिक रीति रिवाजों को पूरा कर रही है और इसी के चलते उसने किसी ऐसी जगह पर आइसोलेट कर लिया है।
जहां वो निजी तौर पर या संचार माध्यमों से लोगों के संपर्क में नही है। इस बारे में मुस्लिम धर्मगुरुओं का मानना है कि वैसे तो ऐसे हालात में अपने ससुराल में रहना या पति के घर रहना ज्यादा मुफ़ीद होता है और ख़ुशी से भी परहेज़ करना होता है। कोई ऐसा काम नही करना होता है। जिससे ख़ुशी ज़ाहिर हो।
कुरानख्वानी करना जरुरी
मौलाना अशरफ़ हुसैन ने कहा कुरानख्वानी कराना ऐसा शरीयत में नही है लेकिन लोग अपने क़रीबियों की रूह को जन्नत नसीब हो, इसके लिए कुरानख्वानी करते हैं।
सूत्रों की माने तो पुलिस धर्मगुरुओं के जरिए अब कोई ऐसा सुराग हासिल करने में लगी है, जो उसे सीधा शाइस्ता तक या उसके क़रीबियों तक पहुंचा सके।
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