India News(इंडिया न्यूज़),Agra News: उत्तर प्रदेश सरकार तालाबों के सौंद्रीकरण को लेकर संजीदा है। अमृत सरोवर के तहत तालाबों का कायाकल्प करना चाहती है। ताजनगरी आगरा की बात करें तो आगरा में साढ़े तीन हजार से अधिक तालाब हुआ करते थे। जो अब दो से ढाई हजार के बीच में सिमट कर रह गए हैं। तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। कई तालाबों पर बिल्डरों ने बिल्डिंग खड़ी कर बेच दी है तो कई तालाबों पर आसपास के स्थानीय लोग मिट्टी डालकर कब्जा कर रहे हैं।
यही वजह है कि ताज नगरी आगरा में तालाबों के खत्म होने की वजह से जल स्तर गिरता जा रहा है। क्योंकि बारिश के पानी को संचय करने के लिए प्रशासन के पास तालाब नही है। जो तलाब है उन आप कब्जा हो चुका है। लेकिन धरातल से सरकारी तालाब अब खत्म होते जा रहे हैं। मिट्टी डालकर कब्जा धारी तालाबों का समतलीकरण कर रहे हैं तो वहीं जिम्मेदार हैं इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ग्रामीण आंचल की बात करें या फिर शहर की दोनों जगह ही तालाबों पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है। ग्रामीणों द्वारा शिकायत अतिक्रमण को हटाने को लेकर की जाती है। लेकिन जिम्मेदार और राजस्व अधिकारी उस शिकायत का संज्ञान नहीं लेते है।
यही वजह है, अतिक्रमण कारी बेखौफ होकर तालाबों को कब्जा करते दिखाई दिए जा सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि तालाबो की खुदाई की जा रही है। जिन तालाबों पर अतिक्रमण है। उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। तालाबों से समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। प्रशासन दावा कर रहा है उन्होंने तालाबों से अतिक्रमण हटा दिए हैं।