India News(इंडिया न्यूज़), Abbas Ansari Case: मुख्तार अंसारी को वाराणसी की सांसद विधायक अदालत ने सोमवार को 1.20 लाख रूपये के जुर्माने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई और अब मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार यानि 6 जून को सुनवाई होनी है। बता दें कि अब्बास ने जमीन हथियाने के मामले में अपने खिलाफ दर्ज किया गया केस रद्द करने की मांग की है। इससे पहले उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया था।
आखिर क्या है मामला?
दरअसल साल 2020 में मुख्तार के बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ के जियामऊ में जबरन जमीन कब्जाने के मामले में हजरतगंज थाने में दोनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई थी। अंसारी भाइयों पर आरोप है कि दोनों ने फर्जी कागज़ों के जरिए जमीन पर कब्जा किया था। फिर नगर निगम से निर्माण के लिए हरी झंडी ले ली और इस पर अवैध बिल्डिंग खड़ी कर ली। इसी मामले में उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई से मना कर दिया। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी उमर को झटका लग चुका है।
लगभग 32 साल बाद आया फैसला
एक मामले में हुआ था बरी
17 मई को गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के मोहम्मदाबाद इलाके में हत्या के प्रयास की साजिश रचने के एक मामले में बरी कर दिया। 2009 में मीर हसन ने अंसारी के खिलाफ 120बी के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था।